माथुर वैश्य केंद्रीय महिला मंडल द्वारा किया जा रहा है महाशिवपुराण कथा का आयोजन
प्रतिदिन होगा नारी शक्ति का सम्मान, ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे
पर्यावरण का संरक्षण का संदेश देते हुए कथा स्थल पर प्लास्टिक का प्रयोग रहेगा निषेध
आगरा। हर− हर महादेव की गूंज, श्वेत− पीत परिधान और सिर पर सेहरा सजाए नारी शक्ति का जैसे उमड़ा हो सैलाब। पचकुइयां मार्ग पर जब भव्य कलश यात्रा निकाली गयी तो जैसे महिलाओं के इतने बड़े सैलाब को देख ठहर सा गया और वो स्वयं खड़े होकर जय भोले के जयकारे लगाने का।
यह भक्तिमय दृश्य बना था माथुर वैश्य केंद्रीय महिला मंडल द्वारा आयोजित महाशिवपुराण कथा से पूर्व निकाली गयी कलश यात्रा में। पचकुइयां स्थित आटे वाली बगीची से कथा स्थल माथुर वैश्य सभागार तक कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा में देशभर से आईं 160 महिला मंडलों की 400 से अधिक सदस्याओं ने भागीदारी निभाई। कलश यात्रा का पूरे मार्ग पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। प्रथम दिवस के यजमान रेखा अशोक, शोभा सुधीर, राजकुमार, मीरा सत्य प्रकाश, सुषमा डॉ एनके गुप्ता, स्नेह प्रभा विपिन, मीना योगेश ने विधिवत पूजन किया। इसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र में निशा, अलका और सिंधु ने ज्ञानवर्धक प्रश्न महिलाओं से पूछे। कथा व्यास पंडित श्याम सुंदर पाठक ने शिव पुराण महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि शिव सरल और सहज हैं। एकमात्र वही देव हैं जिनकी आरती में तीनों देव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का जिक्र आता है। उनकी भस्म से भी कुबेर का खजाना प्राप्त हो सकता है। कथा प्रसंग के बाद नारी शक्ति सम्मान एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। जिसमें निधि ने शिव तांडव स्त्रोत और सोनल ने शिवगंगा धारा पर मनमोहक प्रस्तुति दी। आरती के साथ प्रथम दिवस का समापन हुआ।
पर्यावरण का संदेश दे रही शिवपुराण कथा
केंद्रीय महिला मंडल अध्यक्ष दीपिका डॉ प्रवीन गुप्ता ने बताया कि भगवान शिव और प्रकृति यानी पार्वती जी की पूजा का अवसर ही है सावन मास। महाशिवपुराण कथा श्रवण तभी सार्थक है जब हम प्रकृति माता की रक्षा करना सीखें। आयोजन में इसी सीख का अनुसरण करते हुए प्लास्टिक− पॉलिथिन को निषेध किया गया है। पत्तल, कुल्हड, घड़े, कपड़े के थैले का प्रयोग कथा में किया जा रहा है।
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में माथुर वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशाेक गुप्ता, केंद्रीय युवादल अध्यक्ष आकांश मैरोठिया, सुनील गुप्ता, डॉ मधुरिमा दिनेश, कमलेश अशोक, शशि, नीलम, शाेभा, शालिनी, कमलेश, रीता, गीता, अनीता, राधा, कंचन, अवनीश, रूपम, अनीता, कामना, नीरा, शालिनी आदि सहित 165 माथुर वैश्य महिला मंडलों की सदस्याएं जुटीं हैं। आगरा मंडल अध्यक्ष अशाेक कुमार, विनोद कुमार, अचल कुमार, श्रीभगवान रैपुरिया, बाबू रोशन लाल का विशेष सहयोग है।