जीवन शैली

अपनो जन प्रह्लाद उबार्यो, प्रकटे खंभ फारिकें नरहरि हिरण्यकशिपु ले नखन विदार्याे…

पुरुषाेत्तम मास मनोरथ में ठाकुर श्याम बिहारी जी ने दिए नृसिंह रूप में दर्शन, संध्या के समय हुआ शालिगराम जी का विशेष पूजन

आगरा। दिन− रात के मध्य समय संध्याकाल में जब भगवान श्री नारायण ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा को अवतार लिया था नृसिंह रूप में, उसी समय का स्मरण और वंदन करते हुए ठाकुर श्रीश्याम बिहारी जी का विशेष पूजन श्री प्रेमनिधि मंदिर में हुआ।
कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित श्री प्रेमनिधि मंदिर में पुरुषाेत्तम मास के अवसर पर चल रहे मनोरथ में सोमवार को नृसिंह जयंती उत्सव मनाया गया। चरण सेवक पवन अग्रवाल “तार” थे। मुख्य सेवायत हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि पुष्टिमार्ग में मुख्य भाव है कि ईश्वर ‘अक्षरब्रह्मात्मक’ हैं और जड़ जगत में भी सर्वव्यापक है। यह बात नृसिंह अवतार से सिद्ध होती है। ईश्वर हर जगह मौजूद हैं। चाहे वह पत्थर, धातु, कपड़ा, श्रृंगार, चित्र आदि हो। वह “अक्षरब्रम्ह” के रूप में है। सुनीत गोस्वामी ने बताया कि नृसिंह जयंती उत्सव में ठाकुर जी की क्रोधाग्नि शांत कराने के शीतल पदार्थ परोसे गए। विशेष रूप से कतीरा, आम का पना, पेठा और श्रीखंड का भोग धराया गया। दिनेश गोस्वामी ने बताया कि नृसिम्हा प्राकट्य सूर्यास्त अर्थात रात्रि से पहले शाम को हुआ था। संध्या पर शालिग्राम जी को झालर, घंटा और शंख से पंचामृत स्नान कराया गया। इसके बाद तिलक लगा कर तुलसी दल चढ़ाया गया। आनंदमय भजनों का भक्तों ने रसपान किया। इस अवसर पर अरुण गर्ग, विजय गोयल, हरिओम शर्मा, मंगल सिंह धाकड़, निर्मल धाकड़, पंकज अग्रवाल, धर्मेंद्र कुमार वर्मा आदि उपस्थित रहे।