आगरा। महर्षि अरविंद की स्वतंत्रता के मायने आज के समय में और ज्यादा प्रासंगिक हैं। वह दर्शन और विज्ञान के महान समन्वयकर्ता थे।
श्रीकृष्ण और श्री अरविंद ने की है गीता की रचना
उक्त उद्गार यूथ हॉस्टल में महर्षि अरविंद के 151 वें जयंती समारोह में वक्ताओं ने व्यक्त किए। श्री अरविंद सोसाइटी की नवगठित आगरा शाखा और श्री अरविंद शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार विवेक कुमार जैन ने बताया कि विश्व में दो गीता हैं, जिसमें एक भगवान श्रीकृष्ण की और दूसरी गीता श्री अरविंद की हैं।
श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल को भी किया याद
उन्होंने श्री अरविंद दर्शन पर विपुल साहित्य का सृजन करने वाले साहित्यकार श्री विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल के बारे में विस्तार से बताया।
श्री अरविंद के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत
साहित्यकार डा. मधु भारद्वाज ने श्री अरविंद पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए संस्था की सचिव पवित्रा अग्रवाल की सराहना की। वरिष्ठ साहित्यकार अशोक कुमार अश्रु ने काव्य पाठ किया। प्रो. डा. रेखा कक्कड़ ने श्री अरविंद का जीवन परिचय दिया। कार्यक्रम में डा. सुषमा सिंह, गो सेवक एवं योग गुरु राम प्रकाश अग्रवाल, कवयित्री अलका अग्रवाल, शरद यादव, अनिल कुमार ने भी विचार व्यक्त कर श्री अरविंद के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत बताई।
श्रीमां एवं श्री अरविंद चित्रों पर माल्यार्पण से शुभारंभ
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने श्री मां एवं श्री अरविंद के चित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर किया। साहित्यकार श्री विश्वेश्वर दयाल द्वारा रचित राष्ट्रभक्ति के गीत प्रस्तुत किए गए। संस्था की सचिव पवित्रा अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।