आगरा। झमाझम बारिश के चलते गर्मी से मिली राहत सड़कों पर जल भराव की स्थिति इस तरह देखी गई की सड़क किनारे दुकानों में पानी भर गया जहां नगर निगम नालों की सफाई के नाम पर हजारों रुपए के कम कागजों में शासन को भेज चुकी है लेकिन आगरा का हाल देख तो बस से बत्तर हालात हुए पड़े हैं बारिश के मौसम के चलते उच्च स्तरीय अधिकारियों के द्वारा मीडिया से मुखातिब होते हुए नाले नालियां सफाई होने की पुरजोर बात की जाती है लेकिन वह सारी बातें कागजों में ही सीमित कर रह जाती हैं ।
आगरा शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एमजी रोड पर भी नालों का पानी सड़क पर बह रहा था तथा गड्ढों में वह पानी भरा हुआ था जिससे कि रागियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा वही यमुना किनारा काली माता के मंदिर के समीप का तो यह हाल था कि वहां पूरे पूरे वाहन डूबते हुए देखे गए जिस शहर में विश्व की नंबर वन इमारत ताजमहल हो उस शहर की हालत इतनी खराब है कि हमारे यहां आने वाले पर्यटक अपने देशों में आगरा की छवि क्या लेकर जाते होंगे लेकिन यहां नगर निगम अधिकारियों को मतलब ही नहीं है।
कि उनके इस तरह के व्यवहार से आगरा शहर की छवि धूमिल हो रही है नगर आयुक्त से लेकर मेयर साहिब तक अपनी आंखों पर पट्टी बांधे बैठी हैं मेरे साहिबा तो सिर्फ उद्घाटन तक सीमित होकर रह गई हैं शहर की प्रथम नागरिक होने का गौरव प्राप्त श्रीमती हेमलता दिवाकर कुशवाह जी चुनाव से लेकर अब तक अपनी गाड़ी से उतरकर सड़कों नाले नालियों तक को नहीं देखा है तो वह क्या शहर का विकास कराएंगी इस समय जिस तरह की बारिश हो रही है।
यह बारिश होने से पहले ही यह सारे इंतजाम नगर निगम द्वारा पहले से ही किए जाते हैं लेकिन यहां निगम प्रशासन अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर बैठा है इस बारिश की मौसम में निगम को कोई बड़ा हादसा होने के बाद निगम अधिकारी अपनी आंखों से पट्टी खोलेंगे किसी बड़े हादसे का इंतजार निगम अधिकारियों को है शायद इसी इंतजार में निगम अधिकारी बैठे हैं देखना होगा की कब तक कुंभकरण की नींद सोया निगम प्रशासन जागता है और शहर भर के बड़े नालों की सफाई कब से शुरू कर पता है