जीवन शैली

सावन में मिला मायके का दुलार तो खिल उठीं “माधवी बेटियां”

अग्र माधवी महिला मंडल ने आयोजित किया दो दिवसीय माधवी बेटियां मायका कार्यक्रम
20 वर्षों से अनाथ बेटियों के किया जा रहा लगातार आयोजन, बंधी राखियां भी
आगरा। मां से ही मायका होता है और जब 40 बेटियों की 90 माताएं हों तो सोचिए ये मिलन कितना सुखद होगा। मातृत्व का यही उत्सव आयोजित किया गया है अग्र माधवी महिला मंडल द्वारा।
लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में 20 वा माधवी बेटियां मायका कार्यक्रम आयोजित किया गया है।  अध्यक्ष पुष्पा अग्रवाल और सचिव उषा बंसल ने मायके आईं 40 बेटियों का स्वागत हृदय से लगाकर किया। विभिन्न राज्यों और शहरों से आईं बेटियों को तिलक लगाकर सोलह श्रृंगार भेंट किए गए। इस मौके पर बेटियों की आंखों में खुशी के आंसू झलक रहे थे।
कोषाध्यक्ष आभा जैन और कार्यक्रम संयोजिका नमिता गोयल ने बताया कि आयोजन में समाज से आह्वान किया गया है प्री वेडिंग शूट का बहिष्कार करें। उषा बंसल ने कहा कि प्री वेडिंग शूट संस्कृति नहीं है। ये कुसंस्कृति है जो पीढ़ियों के साथ सनातन संस्कृति को दूषित कर रही है। आयोजन को उल्लास के रंग उस वक्त मिले जब विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। राम जन्म पर भगवान शिव के आगमन पर आधारित नाटिक सावन विशेष थी।
देशभक्ति एवं लोकगीत संग सास बहू की कॉमेडी पर प्रस्तुतिकरण हुआ।  अध्यक्ष पुष्पा अग्रवाल ने बताया कि संस्था द्वारा हर वर्ष अनाथ बेटियों का विवाह संपन्न कराया जाता है। उन्हीं बेटियों का मायका स्नेह देने के लिए ये आयोजन होता है। 23 अगस्त को दोपहर 1 बजे बेटियों का विदाई समारोह होगा। इस अवसर पर शिल्पी, शशि, रजनी, राजकुमारी, रेनू, ममता, रीना आदि उपस्थित रहीं। बेटियों ने सावन की फुहार संग झूले का आनंद लिया।