उत्तर प्रदेश

वाहनों पर पर ब्राह्मण, जाट, राजपूत, गुर्जर, खान, अंसारी, कुरैशी जैसे जातिसूचक शब्द लिखने वालों की खैर नहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर गाड़ियों का दौड़ना बेहद आम है। उत्तर प्रदेश में सड़कों पर गाड़ियां सिर्फ लोगों के लिए आवाजाही का ही जरिया नहीं है बल्कि अपना रूतबा बताने का भी एक अहम जरिया है। उत्तर प्रदेश में गाड़ियों के जरिए लोग अपनी शान को दर्शाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते है। गाड़ियों का शानदार रंग-रोगन करवाना, उन्हें मॉड्यूलर बनवाना हो या फिर तरह तरह के स्टीकर गाड़ियों पर लगवाना उत्तर प्रदेश के लोगों खासकर युवाओं का ऐसा करना काफी पसंद आता है।
गाड़ियों पर लगे शीशों से लेकर नंबर प्लेट पर भी जातिसूचक स्टीकर लगाए जाते है। गाड़ी पर स्टीकर लगाने पर लोग हजारों रुपये की राशि खर्च कर देते है। गाड़ियों पर गुर्जर, जाट, राजपूत, अंसारी, ब्राह्मण जैसे कई जातिसूचक शब्द स्टीकर के जरिए लिखे हुए दिख जाते है। मगर उत्तर प्रदेश में अब इन जातिसूचक शब्दों को लिखना गाड़ी के मालिक पर भारी पड़ रहा है। दरअसल मोटर अधिनियम के मुताबिक इस तरह के शब्दों को गाड़ी पर नहीं लिखावाया जा सकता है।

मगर योगी सराकर ने इस मामले पर ध्यान दिया है और इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसी कड़ी में योगी आदित्यनाथ कह चुके है कि कार, बाइक या अन्य वाहनों पर पर ब्राह्मण, जाट, राजपूत, गुर्जर, खान, अंसारी, कुरैशी जैसे जातिसूचक शब्द लिखने वालों की खैर नहीं होगी। सीएम योगी ने वाराणसी दौरे पर इस संबंध में सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस की क्षेत्रों में पेट्रोलिंग नियमित रूप से कराई जाए। वाहनों पर जातिसूचक बोर्ड लगाकर कोई न चलने पाए। इस पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जाए। शहर के सभी सीसीटीवी कैमरे काम करने चाहिए।
अब उत्तर प्रदेश की पुलिस ने इसी दिशा में काम शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन गाड़ियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनपर जातिसूचक शब्द लिखे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी गाड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए है। जनपद बुलंदशहर में शनिवार से अब तक 1 हजार से अधिक गाड़ियों का चालान किया गया है। नियमों तोड़ने वालों का दो हजार रुपये का चालान पुलिस कर रही है।