प्रयागराज। टीचर्स सेल्फ केयर टीम द्वारा द्वारा दिवंगत अध्यापक के नॉमिनी को संस्था की ओर से लाखों की सहायता राशि दी जाती है। जो मृतक के परिवार को काफी हद तक राहत प्रदान करती है। हालही में टीएससीटी टीम ने सभी साथियों के सहयोग से 11 दिन में 50 लाख रूपये की आर्थिक मदद दिवंगत अध्यापक परिवार के नॉमिनी को दी है। ये सब इस टीम से संभव हो सकता हैं । जिसमें अध्यापकों ने मिलकर अपने नाम मात्र के सहयोग को देकर मृतक के परिवारो को इतना कम समय में इतनी बड़ी मदद की है।
टीचर्स सेल्फ केयर टीम क्या है जानिए इसके बारे में
टीचर्स सेल्फ केयर टीम की स्थापना 26 जुलाई 2020 को संस्था के संस्थापक विवेकानंद,संजीव रजक,महेंद्र कुमार वर्मा की विचारधारा से की गई। यह शिक्षकों की, शिक्षकों के लिए, शिक्षकों के द्वारा सहयोग हेतु बनाई गयी उत्तर प्रदेश की पहली टीम है।
कौन हो सकता है इसका सदस्य
इसमें बेसिक के सभी नियमित शिक्षक, माध्यमिक के सभी शिक्षक, अनुचर, डाइट प्रवक्ता सदस्य बन सकते हैं।
http://tsctup.com
इस प्रकार काम करती है टीम अपना काम और कितना देना होता है सहयोग
टीम के वैध सदस्य की मृत्यु होने पर उसके द्वारा बनाये गए नॉमिनी के खाते में सभी सदस्यों द्वारा ₹50 (पहले ₹100) ऑनलाइन ट्रांसफर किये जाते हैं ।
नॉमिनी को कितनी राशि मिलती है
50 लाख रुपये तक ( पूर्व में हुए सहयोग के आधार पर) जितने ज्यादा सहयोगी उतना अधिक सहयोग। अभी तक कुल 123 सदस्यों के परिवारों को लगभग 25 करोड़ रूपए का सहयोग टीचर्स सेल्फ केअर टीम द्वारा किए जा चुका है।
वैध सदस्य कौन होते हैं
जो सदस्य प्रत्येक सहयोग को लगातार करते हैं, वे वैध सदस्य कहलाते हैं।
सही व्यक्ति को सहयोग मिल रहा है, कैसे पता चले
किसी भी सहयोग से पूर्व समिति द्वारा नियुक्त टीम के द्वारा संबंधित अध्यापक के घर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाता है, उसके बाद लेटर पेड अथवा टेलीग्राम ग्रुप से अपील होते समय,दिवंगत का आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र, नियुक्ति प्रमाण पत्र, नॉमिनी का आधार कार्ड, नॉमिनी का फोटो लगी पासबुक की छायाप्रति, व TSCT का सदस्य होने व पूर्व के सहयोग करने आदि के साक्ष्य दिए जाते हैं।हम क्यों जुड़ें
संस्था से क्यों जुड़ें
यदि आप में दान, सहयोग, पुण्य, करुणा और सेवा की भावना है तो अवश्य जुड़ें,क्योंकि ये एक ऐसा मंच है जो किसी परिवार की इनकम बन्द होने पर उसके खर्चे जो कि बन्द नहीं होते हैं,,के समय आप उसकी हेल्प करते हैं।
इसका सदस्यता शुल्क क्या है
कुछ नहीं
मैं जिले के व्हाट्सएप ग्रुप में हूँ, क्या मैं सदस्य हूँ
यदि आपने साइट पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो आप व्हाट्सएप ग्रुप के ही सदस्य हैं, TSCT के सदस्य नहीं हैं।
सदस्य कैसे बन सकते हैं
tsctup.com बेबसाइट पर जाकर या गुगल प्ले स्टोर से TSCTUP का एप डाउनलोड कर अपनी डिटेल भरकर फ्री में सदस्य बन सकते हैं।
ये है Regisration करने की प्रक्रिया है
सबसे पहले https://tsctup.com/register.php पर या एप पर रजिस्ट्रेशन कॉलम को टच करें जिसपर एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा जिसमें सभी डिटेल्स भरना अनिवार्य/जरूरी है क्योंकि ये आपकी व्यक्तिगत डिटेल हैं, और आपके साथ व आपके बाद tsct टीम व आपके नॉमिनी के लिए जानकारी के लिए है। सबसे पहले EHRMS कोड भरेंगे और भविष्य में tsct लॉगिन करने के लिए नया पासवर्ड बनाना होगा (कोई भी साथी अपना मानव संपदा वाला पासवर्ड न बनाएं, “इसका EHRMS कोड से कोई संबंध नही है) ये TSCT की वेबसाइट पर लॉगिन करने का पासवर्ड है।
इसके बाद अपनी सभी डिटेल्स यथा मोबाइल नंबर, ईमेल, नॉमिनी, फ़ोन पता घर व स्कूल की पूरी डिटेल भरें व सेव कर फिर आखिर में यह प्रोसेस पूरी करने के बाद सबमिट बटन दबाने के बाद “rajistration successful” लिखा हुआ आएगा। आपका रजिस्ट्रेशन हुआ कि नहीं यह जानने के लिए आप इसके लिए वेबसाइट के होम पेज पर टीचर्स लिस्ट के कॉलम को टच करें और सर्च बार मैं अपना नाम, ehrm या स्कूल के नाम से चेक करने पर आपकी डिटेल्स आ जायेंगी। उसके बाद टीम द्वारा जब सहयोग अलर्ट जारी किया जाएगा तो तब सहयोग करना अनिवार्य होगा।
मैंने रजिस्ट्रेशन कर दिया है यदि मेरे साथ कोई अनहोनी होती है तो क्या मेरे पाल्यों को लगभग 50 लाख मिलेंगे
नहीं ,यदि आप सहयोग नहीं करते हैं तो सहयोग नहीं मिलेगा । ध्यान रखें जो सहयोग करेगा,उसे ही सहयोग मिलेगा( भगवान न करे, किसी को सहयोग की जरूरत पड़ें)
लॉकिंग पीरियड क्या है
रजिस्ट्रेशन करने के बाद 3 माह का समय लॉकिंग पीरियड है,लेकिन सहयोग अनिवार्य है।
व्यवस्था शुल्क क्या है
यह ₹50/ वार्षिक है जो कि पूर्णतः स्वेच्छिक है।
इसमें से ₹25 से एकत्र होने वाले धन को साइट निर्माण, आफिस किराया, ऑफिस अटेंडेंट, एप्प निर्माण, sms सुविधा आदि में बाकी ₹25 से एकत्र होने वाले धन से प्रदेश में व्यवस्था शुल्क देने वाले व्यक्ति की दुर्घटना में अस्पताल में एडमिट होने व खर्चा 1.5 लाख से अधिक होने पर सहायता राशि देने में खर्च होगा ।(नियमावली देखें)
व्यवस्था शुल्क न देने पर किसी भी सदस्य की वैधानिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
व्यवस्था शुल्क जमा न करने पर सदस्यता पर क्या फर्क पड़ता है
कोई फर्क नहीं पड़ता है
किसी भी तरह की सहायता के लिए संपर्क करें
इस वेबसाइट से ली जा सकती है जानकारी
http://tsctup.com
संस्था के बारे में और जानकारी देते हुए संस्था के आई टी हैड उत्तर प्रदेश शरद यादव ने बताया कि हमारी संस्था प्रदेश के लगभग सभी जिलों में काम कर रही है। वर्तमान में करीब 80 हज़ार सदस्य संस्था से जुड़े हैं। हमारी पहल है कि किसी भी दिवंगत अध्यापक के परिजनों को उनके जाने के बाद ये एहसास न हो की वो अकेली हैं। हमारी टीम दिवंगत सदस्य के नॉमिनी के खाते है। सहायता राशि भेज देती है। जो लाखों में होती है अब तक 123 सदस्यों के परिवार को 25 करोड़ की मदद की जा चुकी हैं।
संस्था से जुड़ कर आप अपने परिवार को आने वाली आकस्मिक संकट के समय उभारने वाली आर्थिक मदद पाने के लिए हकदार बना सकते हैं। सभी के सहयोग से दिवंगत परिवार को काफी हद तक एक बड़ी धनराशि मिलने से परिवार को आर्थिक स्थिति से जूझते से मदद मिलती है। इस लिए ज्यादा से ज्यादा अध्यापकों को ऐसे जुड़ना चाहिए ।