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नफ़रत की राजनीति से उठकर पार्टियां करें “एक देश – एक चुनाव” का समर्थन: इंद्रेश कुमार


संवाद। सादिक जलाल(8800785167)


वन नेशन वन इलेक्शन देश की जरूरत, हजारों करोड़ के खर्च से मिलेगी निजात, नहीं रुकेगा विकास: MRM

नई दिल्ली,: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों तथा राजनेताओं से ”एक देश-एक चुनाव” का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे दल-दल की भावना से ऊपर उठकर देशहित में इसका समर्थन करें। इंद्रेश कुमार नई दिल्ली के एवान-ए-गालिब सभागार में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित भाई-बहन मिलन व चंद्रयान सफलता उत्सव अवसर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले भी देश में एक साथ चुनाव होते थे। यह कोई नई बात या बहस नहीं है। जरूरी है कि राजनेता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित मेें आगे बढ़े और इस पहल को साकार करें।

खर्च होते हैं हजारों करोड़
उन्होेंने कहा कि इससे देश में चुनाव के नाम पर प्रति वर्ष खर्च होते हजारों करोड़ रुपये के साथ ही धर्म, भाषा, क्षेत्र, जाति समेत अन्य विवादों से मुक्ति मिलेगी। देश पांच साल तक विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। वन नेशन-वन इलेक्शन अब देश की जरूरत बन गई है। चुनाव कराने की वित्तीय लागत लगातार बढ़ रही है। चुनाव से प्रशासनिक स्थिरता प्रभावित होती है। चुनावी प्रक्रिया में व्यवस्था पर दृश्य और अदृश्य लागत का बोझ जनता पर ही पड़ता है। राजनीतिक दलों के लिए भी लगातार हो रहे चुनाव के अभियान और उनकी लागत भारी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले एक स्थिर और मजबूत सरकार और लीडरशिप द्वारा ही लिए जा सकते हैं, अतः देश में शायद इसीलिए यह भरोसा मजबूत हुआ है कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ चुनाव सुधार की जरूरी व्यवस्थाएं लागू होने का शायद वक्त आ गया है।

राष्ट्रहित में हों सब एकजुट
संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के कारण सरकारें नीतिगत रूप से कार्य करने से बाधित हो जाती हैं। आदर्श आचरण संहिता से सरकारों का कामकाज प्रभावित होता है। पंचायत से पार्लियामेंट तक के चुनाव में यही प्रक्रिया लागू होती है। अलग-अलग वोटर लिस्ट की धारणा भी खत्म होना चाहिए। एक ही मतदाता सूची को चुनावों के लिए अपडेट करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विचारधाराओं में टकराव के कारण देश में ऐसी दुर्भाग्यजनक राजनीतिक स्थिति बनी है कि देशहित के विषयों पर भी राजनीतिक पक्ष-विपक्ष की धाराएं काम करने लगती हैं, यह भी ध्यान नहीं रखा जाता कि इससे राष्ट्र को कितना फायदा है या कितना नुकसान है?

बंद हो नफ़रत की राजनीति
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार कहते हैं, “यह मानवता, वैश्विकता और लोकतंत्र का सूत्र है कि हम एक बहु-धार्मिक देश हैं। अपने धर्म का पालन करें, दूसरों का अपमान न करें।” ‘धर्म और इसका सम्मान करें। यह लोकतंत्र विरोधी है, मानवता विरोधी है, ईश्वर विरोधी है, शांति और विकास विरोधी है और ये राष्ट्रों की समृद्धि विरोधी हैं… पार्टियों और लोगों को ऐसे राजनेताओं को रोकना चाहिए ताकि राष्ट्र में नफरत न फैले।”

सैकड़ाें मुस्लिम बहनों ने बांधी राखी
इस मौके पर उन्हें सैकड़ाें मुस्लिम बहनों ने राखी बांधी और चंद्रयान की सफलता का उत्सव मनाया। इंद्रेश कुमार ने सभी बहनों को बदले में उपहार भी दिए। कहा कि, यह उत्सवों की धरती है। यहां भाई-बहनों का पवित्र प्रेम अनूठा और दूसरों के लिए अनुसरण करने वाला है। यह बहनों में आत्मविश्वास, बराबरी और आत्मीयता का भाव देता है। इसी तरह चंद्रयान-3 की सफलता ने देश के लोगों के साथ पूरे विश्व में रहते हर भारतीयों को गर्व से भर दिया है। इस मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारी अफजाल अहमद, शाहिद अख्तर, शाहिद सईद, हाफिज साबरीन, डा. इमरान चौधरी, खुर्शीद रजाका, शालिनी अली समेत कई अन्य मौजूद रहे।