मदरसा दार-ए-अबी अय्यूब में जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा जलसा इस्लाहे मुआशरा कार्यक्रम संपन्न
कपूरथला : देश के मुसलमान तब तक तरक्की नहीं कर सकते जब तक वो अपने बच्चों को समसामयिक(आधुनिक) शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा पर भी बराबर ध्यान नहीं देंगे।
ये विचार जमीयत उलेमा ए हिंद पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और चंडीगढ़ के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद हारून कासमीन ने मदरसा दार-ए अबू अय्यूब कपूरथला के नाजिम मौलाना अमानुल्लाह की दावत पर “समाज सुधार बैठक” विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जब तक मुसलमानों में शिक्षा थी तब तक उनका सम्मान किया जाता था और उन्होंने शासन किया था और जैसे ही उन्होंने शिक्षा और विशेष रूप से कुरान को त्याग दिया और इसे केवल धार्मिक किताब तक सीमित कर दिया, तो उनमें बौद्धिक क्षमता की कमी हो गई।
मौलाना हारून ने कहा कि मुसलमानों को न केवल कुरान की शिक्षा का सामान्यीकरण करना चाहिए, बल्कि उसे पढ़ना, समझना और उसका पालन भी करना चाहिए।
मदरसा सलमानिया ईदगाह कांधला के संचालक हजरत मौलाना मुहम्मद राशिद नूरुल हसन साहब कांधलवी के बेटे मुफ्ती मुहम्मद अरशद ने अपने संबोधन में कहा कि जिस धर्म ने सभी पुरुषों और महिलाओं के लिए धार्मिक शिक्षा को अति जरूरी करार दिया।
मौलाना हारून ने बताया कि जमीयत उलमा की ओर से यह कार्यक्रम कैथल, सुनाम, संगरूर, मालिरकोटला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, सरहिंद शरीफ, बनूड़, अंबाला, थानेसर, पानीपत आदि में आयोजित किया जा रहा है।
इस मौके पर मौलाना मुहम्मद शाबान साहब बस्तवी, मौलाना कारी मुहम्मद तलहा सहारनपुरी, हाजी जावेद इकबाल मुरादाबाद, हाजी मुहम्मद शौकिन मुजफ्फरनगर, कारी अहमद हाशमी मदरसा मजिल उलूम सहारनपुर,पत्रकार मौलाना मजहर आलम मजाहिरी, जमीयत उलेमा ए हिंद जालंधर के जनरल सेक्रेटरी हाजी आबिद हसन सलमानी, मौलाना आजम सिद्दीकी, इमाम अब्दुल हमीद। , हाजी अमजद, शारिक कुरेशी, मुहम्मद साकिब मलिक, हाजी अब्दुल गफ्फार, हाजी तनवीर, शमशाद, जावेद सलमानी, साजिद, नईम, मुहम्मद उमर, आलम, महबूब, सेजुब, जाकिर अली, इम्तियाज आर.सी.एफ, सलीम अंसारी, कारी शाकिर, हाफिज नोमान, हाजी मिसकीन, बाबू दीन, हाफिज मुख्तार, नूर मुहम्मद, जाकिर, अबरार, नूर मुहम्मद, अशरफ, राशिद, रोहित सब्बरवाल, शाहिद , असरार कासिम, समीर ,अली, नौशाद,आदि मौजूद रहे। वहीं मदरसा के नाजिम मौलाना अमानुल्लाह मझारी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया।