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हसनी अलम पर अकीदतमंदों ने मांगी मन्नतें


आगरा। उस्मानी मोहिनी गुदड़ी शाही खानकाह के सर परस्त हजरत इनाम हसन गुदड़ी शाह बाबा पंजूम अजमेरी की कर परस्ती में दो दिवसीय याद ए हसन कार्यक्रम पाया चौकी कटरा दबकेयां फूलों वाले ताजिया के इमामबाड़े पर आयोजित किया गया जिसमें बाद नमाज असर जिक्र इमामे हसन रजि अल्लाह ताला अन्हा किया गया बाद नमाज मगरिब फातिहा तथा लंगर तक्सीम किया गया व हसनी अलम जियारत के लिए रखा गया आए हुए अकीदतमंदों लोगों ने हसनी अलम पर अपनी अपनी मन्नतें मांगी हजरत इनाम हसन गोदड़ी शाह बाबा पंजूम अजमेरी ने आए हुए

लोगों से फरमाया कि हजरत इमाम ए हसन रजि अल्लाह ताला अन्हा ने अपनी जिंदगी अल्लाह की इबादत और नाना जान हजरत मोहम्मद साहब की उम्मत को इस तरह से सच्चाई का रास्ता दिखाया कि वह हजरत इमामे हसन रज़ी अल्लाह ताला अन्हा देर रात मैं अपनी पीठ पर अनाज की बोरी ले जाते और गरीब मिस्किनो के घरों के बाहर अनाज की बोरी रख कर लोगों की मदद किया करते आप हजरात इमामे हसन रजि अल्लाह ताला अन्हा ने अपने हयाते जिंदगी में इस तरह से नबी ए करीम मोहम्मद साहब की उम्मत की खिदमत की मौला अली के बड़े शहजादे हजरत इमाम ए हसन की शहादत तो अल्लाह तबारक ताला ने पहले ही कबूल फरमा ली थी क्योंकि रसूल अल्लाह को अल्लाह तबारक ताला ने पहले ही बता दिया था।

कि मौला इमामे हसन रजि अल्लाह ताला अन्हा की शहादत किस तरह से होनी है 28 सफर सन हिजरी 49 को आपने शहादत का जाम पी लिया और आप ने दुनिया से पर्दा फार्मा लिया अगर हमारी जिंदगी में भी मौला इमाम हसन रजि अल्लाह ताला अन्हा जैसी मदद करने की आदत आ जाए तो अल्लाह तबारक डाला हम सभी को भी जन्नत में आला मक़ाम दे देगा क्योंकि नबी ए करीम मोहम्मद साहब के घराने से मोहब्बत और निस्बत रखना हमारे जन्नत में जाने का वह परवाना है।

की जिसे अल्लाह तबारक ताला हमको करने के बाद अता फरमा देगा और हमारी दुनिया भी अल्लाह तबारक डाला गुलजार कर देगा और आखिरत मैं भी हमारे सारे गुनाहों को माफ फरमाकर हमारा हश्र मौला इमाम हसन रज़ी अल्लाह ताला अन्हा के साथ फार्मा देगा तो क्यों ना हम सभी मौला इमामे हसन रजि अल्लाह ताला अन्हा की शहादत की तारीख 28 सफर को अपने-अपने घरों में पता डिकर उनकी शहादत को याद करें और मौला इमामे हसन से मोहम्मद रखें कार्यक्रम में मुख्य रूप से हाजी मोहम्मद तौफीक सैयद मुबारक अली