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महफिल ए रंग के साथ उर्स का हुआ समापन

आगरा। हज़रत सय्यदना ओलिया बाबा रह0 का 385 वाँ उर्स बुज़ुर्गों की समस्त रस्म-ओ-रिवाज़ के साथ दरग़ाह सय्यदना हज़रत ओलिया बाबा रह0 छीपी टोला हन्ना गली आगरा में कुल की आखरी रस्म के साथ समापन हुआ। आज तीसरे दिन सुबहा कुरान खानी 10 बजे कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई। उसके बाद रंग की महफ़िल हुई। महफिल के बाद लंगर तकसीम किया गया। सज्जादानशीं मियां मौहम्मद हुसैन रशीदी ने बताया के कुल शरीफ की जो हे वो उर्स एक खास घड़ी होती हे इसमे हर खास और आम की दुआ कुबूल होती है।कुल के अन्दर बुजुर्गों के इल्म जो सीना बा सीना मिलता हे उसको अपने मुरीदौ मे सीना बा सीना दीया जाता है।

कलु में एक ऐसी घड़ी होती। जिसमे अल्लाह का वली हर आने वाले पर अपनी रहमत की निगाह करता है । औऱ हर आने वाले जायरीन अपनी तमन्नाओं से मालामाल हो जाता है । कुल मे खुसूशी दुआ दरगाह के गद्दी नशीन पीर-ए-तरीक़त हज़रत खलिफा अबदुल रशीद क़ादरी ,नकशबन्दी ,सन्दली इस्हाकी़ ने कराई। अल्लाह की बारगाह में मुल्क मे आपसी भाई चारा कायम रहे। मुल्क मे अमनोअमान के साथ हर शख्स जिन्दगी बशर करे।


उर्स के कुल की महफ़िल में पीर-ए-तरीक़त हज़रत खलिफा अबदुल रशीद क़ादरी ,नकशबन्दी ,सन्दलीइस्हाकी़ सज्जादानशीं मियां मौहम्मद हुसैन रशीदी , भुल्ले शाह, पीर ज़ादा मौहम्मद उबार हुसैन, पीर ज़ादा मौहम्मद हस्सान ,सूफी इकबाल , सूफी नन्ने , खादिम सुनील कुमार,मौहम्मद सुलतान ,मौहम्मद इस्माईल , मोहम्मद उस्मान, मौहम्मद इकराम , , फरीद कादरी ,मौहम्मद सुहेल, फ़ैज़ान उस्मानी भुल्लन , इदरीस उस्मानी ,शफी मोहम्मद ,रशीद , मोहम्मद असफाक, नसीर ,शाहीद ,महेश ,असरफ ,यूसुफ, वकील मोहम्मद असफाक ,नईम ,इंसाफ़, नेनु ,साबिर ,सद्दाम सलीम आरिफ ,बॉबी ,शक़ील, रोबिन जैन आदी उपस्थित रहे।