राजस्थान

पशु चिकित्सकों द्वारा सरकार सद्बुद्धि हवन का आयोजन किया गया

संवाद – मो नज़ीर क़ादरी


अजमेर। नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग को लेकर पूरे राजस्थान में पशु चिकित्सकों द्वारा अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर तीसरे दिन कार्य बहिष्कार पूरी तरह सफल रहा। सभी पशु-चिकित्सक ने आज भी सम्पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार किया।
पशुपालन विभाग के सभी कार्यालयों और पशु चिकित्सालयों में पशु चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं। पशु चिकित्सा सेवाएं न मिलने से पशुपालक, पशु प्रेमी परेशान रहे।
राजस्थान पशु-चिकित्सक संघ अजमेर के महासचिव डॉ आलोक खरे ने अवगत कराया कि आज शास्त्री नगर अजमेर स्थित परिसर में अजमेर जिले के सभी पशु चिकित्सकों ने धरना दिया और प्रदर्शन किया गया। और सभी पशु चिकित्सकों द्वारा सरकार सद्बुद्धि हवन आयोजित किया गया। जिससे सरकार पशु चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग शीघ्र ही पूरी करे।

*जयपुर में विशाल धरना प्रदर्शन*

दिनांक 21 सितंबर 2023 को शहीद स्मारक, जयपुर में पशु चिकित्सकों की नाॅन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की मांग के क्रम में शहीद स्मारक ,जयपुर में विशाल धरना प्रदर्शन किया जा रहा है जिसमें सभी राजस्थान के गौशाला समिति/संघों एवं पदाधिकारी भी धरने में शामिल हो रहे हैं। कामधेनु बीमा योजना गारंटी कार्ड धारक, लंपी में मृत गोवंश हेतु आर्थिक सहायता प्राप्त, प्रगतिशील पशुपालक धरने में आ रहे हैं।

*गौशालाओं के अनुदान में फिर अटका कानूनी दांवपेच*
वित्तीय वर्ष 2023 -24 के प्रथम चरण की सहायता राशि हेतु भौतिक सत्यापन 5 सितंबर से 25 सितंबर तक पशु चिकित्सा अधिकारी तथा उपखंड अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना था लेकिन प्रदेश के पशु चिकित्सक अपने एनपीए (नॉन प्रैक्टिस अलाउंस) की मांग के चलते सामूहिक अवकाश पर होने के कारण अभी तक यह कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है । प्रमुख शासन सचिव पशुपालन ने पशु चिकित्सा अधिकारी के स्थान पर अधीनस्थ चिकित्सकीय स्टाफ की नियुक्ति करने के आदेश समस्त जिला कलेक्टरों को जारी किए हैं लेकिन यह आदेश गोपालन विभाग की अधिसूचना, गौसंरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 के साथ-साथ भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के प्रावधानों के अनुसार सक्षम स्तर से अनुमोदित नहीं है। उक्त आदेशों की अनुपालन में अगर गौशालाओं का अनुदान पारित होता है तो अनुदान राशि वापस वसूली जा सकती है। इस संबंध में राजस्थान गौ सेवा समिति तथा गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रमुख शासन सचिव को पत्र भी लिखा है।
प्रमुख शासन सचिव महोदय को भौतिक सत्यापन हेतु अधीनस्थ चिकित्सकीय स्टाफ की नियुक्ति संबंधी आदेश का कानूनी पक्ष की जांच करके ही पारित किया जाना चाहिए।