चंदौली के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन मुस्लिम समाज के ज़िम्मेदारों के साथ की कई बैठकें
मुगलसराय। लोकसभा चुनाव में मुसलमान पूरी तरह कांग्रेस के साथ आने का फैसला कर चुके हैं। संविधान की प्रस्तावना से सेकुलर और समाजवादी शब्द को हटाने की किसी भी साज़िश को कांग्रेस कामयाब नहीं होने देगी। 2024 में राहुल गाँधी के नेतृत्व में सेकुलर और प्रगतिशील सरकार बनवाने में सबसे बड़ी भूमिका उत्तर प्रदेश के मुसलमानों की होगी।
ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने चंदौली के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन मुगलसराय और सैयद राजा के विभिन्न मुहल्लों में मुस्लिम समाज के ज़िम्मेदार लोगों के साथ आयोजित बैठकों में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार संविधान की प्रस्तावना में इंदिरा गाँधी सरकार द्वारा जोड़े गए समाजवादी और सेकुलर शब्द को हटाने की साज़िश रच रही है। इन दोनों शब्दों के हटने के बाद भारत सेकुलर देश नहीं रह जाएगा। संविधान सिर्फ़ राष्ट्रीय स्तर की पार्टी ही बचा सकती है। इसीलिए मुसलमान अब संविधान बचाने के लिए कांग्रेस को वोट करने का संकल्प कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में सिर्फ़ राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी ही संवैधानिक मूल्यों पर किये जा रहे हमलों पर बोलते हैं। अन्य पार्टियों के नेता या तो चुप रहते हैं या ट्वीटर पर पोस्ट डाल कर अपनी ज़िम्मेदारी से बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे पार्टियों और नेताओं को मुसलमान अब और ढोने को तैयार नहीं है।
शाहनवाज़ आलम ने यह भी कहा कि 1989 तक मुसलमान कांग्रेस को एकतरफ़ा वोट करते थे तब पूरे देश में भाजपा के सिर्फ़ दो ही सांसद होते थे। वहीं तब कांग्रेस बिहार में अब्दुल गफूर, असम में सैय्यदा अनवरा तैमूर, राजस्थान में बरकतुल्लाह खान, पांडिचेरी में हसन फारूक और
महाराष्ट्र में अब्दुल रहमान अंतुले को मुख्यमंत्री भी बनाती थी। लेकिन कांग्रेस से दूर होकर मुसलमान नेतृत्व विहीन हो गए। जिसका खामियाज़ा मुसलमानों की मौजूदा पीढी़ को भुगतनी पड़ रही है।
बैठकों में कांग्रेस प्रदेश महासचिव देवेंद्र सिंह, अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष शाहिद तौसीफ, अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश महासचिव औसाफ अहमद, जिला अध्यक्ष सैयद आले अब्बास व अन्य नेतागण मौजूद रहे।