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भौतिक शेयरों को डीमैट में नहीं बदला तो अकेले आगरा का डूब सकता है 500 करोड़

  • 30 सितम्बर है अंतिम तिथि, इससे पूर्व कई बार बढ़ चुकी है तारीख इस बार उम्मीद कम
  • मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी ने अप्रैल 2019 में एक सर्कुलर जारी कर किया था ऐलान

आगरा। अगर आपके पास भौतिक शेयर हैं और आज भी आप इस खबर से अनभिज्ञ है कि मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी के सर्कुलर के अनुसार 30 सितम्बर 2023 की अंतिम तिथि के बाद आपके भौतिक शेयर शून्य हो सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष (आईईपीएफ) में लगभग 25000 करोड़ के शेयर्स फंड और डिविडेंट अनक्लेम्ड पड़े हैं, जिन्हें जागरूकता के अभाव में अभी तक क्लेम नहीं किया जा सका है। एक अनुमान के अनुसार अकेले आगरा में अभी लगभग 500 करोड़ से अधिक के शेयर्स अनक्लेम्ड हैं जिन पर दावा किया जा सकता है।

जागरुकता की कमी पड़ सकती है भारी
सीएस अनुज अशोक के अनुसार आज भी कई ऐसे इन्‍वेस्‍टर हैं, जिनके पास फिजिकल पेपर फॉर्मेट में शेयर पड़े हैं। फिजिकल फॉर्म में पड़े इन शेयरों की वैल्‍यू तो आज भी है, लेकिन विषय यह है कि इनमें ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है। इसके लिए आपको इन शेयरों को डीमैट फॉर्म यानी इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्म में कन्‍वर्ट कराना होगा। ऐसा इसलिए क्‍योंकि, मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी ने अप्रैल 2019 में एक सर्कुलर जारी कर साफ-साफ कहा था कि फिजिकल फॉर्मेट में पड़े शेयर तब तक ट्रांसफर या बेचे नहीं जा सकते, जब तक कि इन्‍हें मैटीरियलाइज्‍ड फॉर्म यानी डीमेट फॉर्म में न कन्‍वर्ट करा लिया जाए। इसका मतलब साफ है कि फिजिकल शेयरों को आप शेयर बाजार में बेच या ट्रांसफर नहीं सकते हैं। इसके लिए पहले इन्‍हें आपको डीमैट में कन्‍वर्ट कराना होगा। सेबी ने केवाईसी अपडेट करने के लिए अंतिम तिथि 30 सितम्बर निर्धारित की हुई है इस तारीख को पहले भी कई बार बढ़ाया जा चुका है अब इसके आगे बढ़ने की उम्मीद कम है।

भौतिक शेयरों को डीमैट में कैसे बदलें ?
शेयरों का डिमटेरियलाइजेशन किसी विशेष कंपनी के भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में परिवर्तित करना है। ये डिमटेरियलाइज्ड शेयर आपके द्वारा खोले गए डिपॉजिटरी खाते में रखे जाते हैं। वर्तमान स्टॉक ट्रेडिंग मानदंडों के अनुसार अपने शेयरों को बेचने या दूसरे खाते में स्थानांतरित करने के लिए शेयर डिमटेरियलाइजेशन की आवश्यकता होती है। साल 1997 से पहले, आप शेयर प्रमाणपत्र के रूप में शेयर बेच अथवा स्थान्तरित कर सकते थे। यह विधि अप्रभावी थी और इसमें अनेक खामियाँ थीं। इसमें शेयर प्रमाणपत्रों की सुरक्षा के मुद्दे थे, क्योंकि वे गुम हो सकते थे या ख़राब हो सकते थे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भौतिक शेयरों को डीमैट में बदलना अनिवार्य कर दिया है।

सेबी ने इसलिए किया है भौतिक शेयर्स का डीमेट रूपांतरण
बढ़ी हुई सुरक्षा- भौतिक प्रमाणपत्रों के चोरी होने, जाली होने या गुम हो जाने के अनगिनत मामले हैं। डीमैट में रूपांतरण यह सुनिश्चित करता है कि आपके शेयर प्रमाणपत्र इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में सुरक्षित रूप से रखे गए हैं। रखरखाव में आसान- भौतिक प्रमाणपत्रों के सामने आने वाली एक और चुनौती रखरखाव है। अपने शेयरों को व्यवस्थित रखने के लिए आपके पास पर्याप्त समझ होनी चाहिए। इसके अलावा, भौतिक प्रमाणपत्र अधिकतम देखभाल के बावजूद भी फट जाने के प्रति संवेदनशील होते हैं। डीमैट शेयर प्रमाणपत्रों के आसान रखरखाव की सुविधा प्रदान करता है। त्वरित पहुंच- यदि आप किसी विशेष शेयर प्रमाणपत्र की जांच करना चाहते हैं, तो आपको अपनी अलमारी की दराज में गहराई से जाने की आवश्यकता नहीं है। आप अपने सभी शेयर प्रमाणपत्रों को डीमैट के माध्यम से आसानी से ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं। रूपांतरण शेयर हस्तांतरण प्रक्रिया को भी सरल और परेशानी मुक्त है, इसके लिए आपको सिर्फ केवाईसी अपडेट कराना है।

केवाईसी कैसे करें ?
सेबी ने केवाईसी अपडेट करने के लिए बेहद आसान प्रक्रिया प्रभावी की है आईएसआर फॉर्म 1, 2, 4 और 13 जरूरत अनुसार भरकर आरटीए के पास केवाईसी के लिए आवेदन करना होता है। इसके बाद आपके शेयर और डीविंडेट को डीमेट अकाउंट में परिवर्तित किया जाता है। केवाईसी के लिए अंतिम तिथि 30 सितम्बर है।