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नई पेंशन स्कीम से अब्बास अली की पहली पेंशन 1662 रुपए मिली 1000 खाते में रहेंगे 662 में कैसे होगा गुज़ारा

लखनऊ। नई पेंशन योजना का विरोध सरकारी कर्मचारियों के द्वारा जोरों शोरों से किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि इस योजना से मिलने वाली पेंशन से उनका गुज़ारा नहीं होगा। इस बारे में और जानकारी देते हुए सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब्बास अली ने बताया कि उनके खाते में उनकी पहली पेंशन के 1662 रुपए आए। इतना कम पेंशन की राशि देखें उनका तनाव काफी बड़ गया।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में बच्चों को शिक्षा से लेकर चिकित्सा खाने का समान सब महंगा है। लेकिन पेंशन इतनी कम तो कैसे गुज़ारा होगा। अगर पुरानी पेंशन नीति होती तो कम से कम मेरे वेतन का आधा भाग पेंशन के रूप में प्राप्त होता। लेकिन आज इस नई पेंशन नीति में मुझे 1662 रूपये मिले हैं। जिसमें से 1000 रुपए तो खाते में ही छोड़ने पड़ेंगे। बाकी बचे 662 रुपए इस धनराशि से से कैसे गुजारा करेंगे।


2005 से सेवा में आने वाले कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम से पेंशन दी जा रही है। लेकिन कर्मचारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन बुढ़ापे में सहारा देने का काम करती है। लेकिन इतनी कम पेंशन में तो गुजारा होना बहुत मुश्किल है। यह पेंशन नीति सरकारी कर्मचारियों पर ही क्यों लागू की गई हैं। राजनेता विधायक,सांसद, इन राजनैतिक लोगों को नई पेंशन से बाहर क्यों रखा गया है। जो व्यक्ति अपना जीवन और उनसे 60 साल अपनी सेवा को समर्पित करता है।

क्या है नई पेंशन योजना

उन्हें पुरानी पेंशन का अधिकारी नहीं है। लेकिन राजनेताओं को पुरानी पेंशन ही मिलेगी और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन ये दोगलापन किया जा रहा है। कम से कम पेंशन की राशि इतनी तो हो जो रिटायर्ड कर्मचारी अपना गुज़ारा कर सके। इस नई स्कीम में कर्मचारी के मूल वेतन और मंहगाई भत्ते को जोड़कर 10 प्रतिशत कटौती होती है। शासन की ओर से 14 प्रतिशत अंशदान किया जाता है। कुल जमा राशि का निवेश एन पी एस नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट प्राधिकरण करता है। शेयर बाजार के उतार और चढ़ाव के अनुसार पेंशन दी जाती है।