उत्तर प्रदेश

ईद मिलादुन्नबी आज जुलूस ए मुहम्मदी में हजारों अकीदतमंद सड़कों पर आ रहे हैं नज़र

माफ़ी दरगाह कदम रसूल पर होगा जुलूस ए मुहम्मदी का समापन

आगरा। ईद मीलादुन्नबी इस्लाम धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार इस दिन इस्लाम धर्म के संस्थापक हज़रत मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था। इसी मुबारक दिन को ही उनकी मृत्यु हुई थी। इस लिए इसे बारहवफात भी कहा जाता है। मुसलमानों के लिए ईद मिलादुन्नबी से बड़ी कोई खुशी नहीं है। करीब एक महीने पहले से लोग इसके लिए तैयारियों में जुट जाते हैं। घरों के अलावा मुहल्लों में भी सजावट की जाती है।

मुहम्मद साहब के जन्म के बाद अरब में ये हुए बदलाब कुरीतियां हुई खत्म

बताया जाता है जब मुहम्मद साहब ने जन्म लिया। उस समय अरब के हालात बेहद खराब थे। बच्चियों को जिंदा दफन कर दिया जाता था। विधवाओं से बुरा सलूक होता था। छोटी-छोटी बात पर तलवारें खींच जाती, खून की नदिया बह जाती थीं। अरब कबीलों में बंटा था। इंसानियत शर्मसार हो रही थी। ऐसे समय में इंसानों की रहनुमाई के लिए इस्लामिक तारीख 12 रबीउल अव्वल यानी 20 अप्रैल सन् 571 ई. में अरब के मक्का शहर में हजरत मुहम्मद साहब का जन्म हुआ।12 रबीउल अव्वल अकीदत के साथ हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन मनाया जाता है।

ये दी हैं मुहम्मद साहब ने शिक्षा


हजरत मुहम्मद साहब ने इंसान को शिक्षा दी कि सभी मानव समान हैं। एक ईश्वर की संतान हैं। तमाम विरोधों के बावजूद उन्होंने खुदा के पैगाम को पूरी दुनिया में पहुंचाया। मजलूमो, गुलामों, औरतों, बेसहारा, यतीमों को उनका हक दिलाया। वह 63 साल की उम्र में 12 रबीउल अव्वल सन् 11 हिजरी के मुताबिक 8 जून 632 ई. को फानी दुनिया से पर्दा फरमाए। इस लिए मुस्लिम मोहल्लों से जुलूस ए मुहम्मदी निकाला जाता है और हज़रत मुहम्मद साहब के गई। शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाया जाता हैं। लोगों अपने घरों को सजाते हैं। पकवान बनाकर फातिहा का एहतिमाम भी करते हैं। आगरा में माफी दरगाह कदम रसूल पर जाकर जुलूस का समापन किया जाता है।

जगह जगह निकलेंगे जुलूस ए मुहम्मदी

आज बड़ी संख्या में हर मुहल्ले से जुलूस ए मुहम्मदी निकाला जाएगा। सुबह से शुरू होने वाला जुलूस का सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा। शाम को हर घर में हज़रत मुहम्मद साहब की फातिहा का का एहतिमाम किया जाएगा। जगह जगह मिलाद की महफिल सजाई जाएगी। शहर का सबसे पुराना जुलूस न्यू आगरा से रवाना होगा। उसके बाद घटिया मामू भांजा से भी जुलूस मंटोला से शुरू होकर सदर भट्टी से होता हुआ। जमा मस्जिद पर समाप्त होगा। मुस्लिम इलाकों में सुबह से ही ईद मिलादुन्नबी की रौनक नज़र आ रही है।

माफी दरगाह कदम रसूल बोदला पर मुहम्मद साहब के कदम के निशान की आज ज़ियारत

इस बारे में जानकारी देते हुए माफी दरगाह कदम रसूल के पीरजादा सज्जादानशीन बाबा लाल शाह कादरी ने बताया कि आगरा में हमारे यहां मुहम्मद साहब के क़दम मुबारक का निशान है। जिसकी आज के दिन जियारात की जाती है। आगरा से निकलने वाली सभी जुलूस यहां आकर खत्म होते हैं। पांच दिवसीय उर्स माफी दरगाह कदम रसूल में मनाया जा रहा है। हजारों की तादाद में अकीदतमंद यहीं आकर अपनी मुरादें मांगते हैं। कल शाम चारपोशी की गई थीं। आज कदम रसूल की जियारत होगी। कल प्रोग्राम में पीरजादा आमिर शेख कादरी,सलमान शेख कादरी,शबाना खंडेलवाल मौजूद रहीं।