उत्तर प्रदेश

लखनऊ में शांतिपूर्ण गंगा जमुनी तहजीब के साथ निकला जुलूस ए मदेह सहाबा

संवाद। एम तारिक फारूकी

लखनऊ, वरिष्ठ मौलाना जनाब अब्दुल अलीम फारूकी साहब ने परचम कुशाई करते हुए, ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली के साथ कयादत कर काज़ी शहर इरफान मियां फिरंगी महली कि सदारत में पूरी शान-ओ-शौकत व शांति पूर्वक सौहार्द्यपूर्ण माहौल में जुलूस ए मदहे सहाबा अमीनाबाद झंडे वाले पार्क से निकला ईदगाह ऐशबाग पहुंच कर एक विशाल जलसे में तब्दील हो कर संपन्न हुआ। लखनऊ में 12वीं रवी उल अव्वल (बारावफात) जुलूस में लाखों की संख्या में सुन्नी मुस्लिम श्रद्धालुओं ने शिरकत की रास्ते में जगह जगह सबीलों और भंडारे की व्यवस्था स्थानीय लोगों ने की जिनमे अन्य समुदायों के लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया नादान महल रोड पर सीता राम भग्त समिति ने जुलूस ए मदहे सहाबा का स्वागत किया और पानी व जूस वितरित किया जिससे लखनऊ शहर की गंगा जमुनी तहजीब का आपसी प्यार मोहब्बत और सौहार्द्य का सुंदर दृश्य देखने को मिला।


बताते चले कि यह पर्व रबीउल अव्वल इस्लामिक माह शुरू होते ही पूरे पूरी दुनिया के साथ सम्पूर्ण भारत में धूम धाम से मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन ग्यारह रबीउल अव्वल को इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद (र०) साहब का जन्म हुआ था और रबीउल अव्वल महीने की बारह तारीख को उनका देहावसान भी हुआ था।लखनऊ में उनके सहाबा चारों खलीफा हजरत सिद्दीक,हजरत उमर फारूक,हजरत उस्मान गनी और हजरत अली (रह०) को भी याद किया जाता है।


इस मौके पर ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सभी को मुबारकबाद दी और पैगंबर के इंसानियत के पैगाम को जीवन में उतारने की अपील की और सभी ने देश की तरक्की और अमन की दुआएं की। जुलूस में शहर की 200 से ज्यादा अंजुमनों ने शिरकत कर बारगाहे रिसालत में नातिया कलाम पेश किए।