फर्रुखाबाद। वेतन के लिए परेशान होकर जहर खाने वाले शिक्षक अनिल कुमार त्रिपाठी की मौत से शिक्षा विभाग में खासा हड़कंप मचा हुआ है। उन्हे आत्महत्या के लिए उकसाने में बीईओ समेत तीन के खिलाफ मुकदमा मृतक के पुत्र की ओर से दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले गुरुवार की रात सैफई से परिजन शव लेकर घर पहुंचेऔर मुकदमा दर्ज कराने की मांग पर अड़ गए। 16 घंटे तक परिजनों ने शिक्षक का शव नहीं उठने दिया।
जब मुकदम दर्ज हुआ तो परिजना अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर गए। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापकों का उत्पीड़न लगातार जारी है। प्रदेश भर में कहीं न कहीं इसी घटना देखने को मिल जाती है। जहां उच्च न्यायालय के आदेश को भी हवा में उड़ाकर मन मानी की जाती है। एबीएसए कायमगंज की प्रताड़ना से परेशान होकर शिक्षक अनिल कुमार त्रपाठी ने खाई सल्फास खाकर अपनी जान दे दी है। पिछले 96 महीनों से वेतन नहीं मिलने से दाने-दाने को मोहताज होने के कारण मृतक ने यह कदम उठाया। अपने सुसाइड नोट में शिक्षक ने विभागीय अधिकारी को उसका जिम्मेदार ठहराया है। बताया गया है उच्च न्यायालय के आदेश बाबजूद भी एबीएसए ने मृतक अध्यापक वेतन निर्गत नहीं किया था।
पीड़ित ने सुसाइड नोट में अपनी आत्महत्या के लिए उकसाने का एबीएसए कायमगंज गजराज सिंह, सुरेंद्र नाथ अवस्थी, निर्देश गंगवार को बताया जिम्मेदार पीड़ित शिक्षक ने सुसाइड नोट में बीएसए फर्रुखाबाद पर भी सही ढंग से व्यवहार न करने का लगाया आरोप।पीड़ित शिक्षक के पुत्र ने बताया कि आज भी उनके पिता एबीएसए कायमगंज के कार्यालय पर गए थे। जहां पर बेइज्जत करके उन्हें भगा दिया गया। जिससे आहत होकर पिता ने जहरीला पदार्थ खा लिया, उसने बताया कि वह मामले में पुलिस को मिली तहरीर मुकदमा लिखा गया है।