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पटना में छात्रा ने बिल्डिंग की चौथी मंजिल से लगाई छलांग 12वीं में फेल होने के बाद से थी डिप्रेशन में

बिहार।पटना में छात्रा ने बिल्डिंग की चौथी मंजिल से लगाई छलांग, 12वीं में फेल होने के बाद से थी डिप्रेशन में 10-12 साल की उम्र के छात्रों द्वारा उठाए गए ऐसे कठोर कदमों का कारण माता-पिता, समाज और अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है।

माता-पिता 8वीं कक्षा से ही विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कूल के साथ-साथ कोचिंग में भी दाखिला दिला देते हैं, विद्यार्थियों को स्कूली परीक्षाओं के लिए उचित समय नहीं मिल पाता है, वे तैयारी और कोचिंग में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वे स्कूल की बुनियादी पढ़ाई से भी पीछे रह जाते हैं, जिसके कारण वे स्कूल में असफल हो जाते हैं। परीक्षाएँ और बोर्ड और फिर वे शर्म और अवसाद में ऐसे कदम उठाते हैं।

भारत की शिक्षा प्रणाली को पुनर्जागरण की आवश्यकता है, इन कोचिंग संस्थानों और ऑनलाइन शिक्षा कक्षाओं को बंद करने की आवश्यकता है