नई दिल्ली। भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों-पियरे एगोस्टिनी, फेरेन्क क्रॉस्ज और ऐनी एल’हुइलियर को उनके अभूतपूर्व प्रयोगों के लिए संयुक्त रूप से दिया जाएगा। इसकी औपचारिक घोषणा आज स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने की। इन वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार उनके प्रकाश के एटोसेकंड पल्स के अनूठे प्रयोगों के लिए दिया गया है। इससे परमाणु और अणुओं में इलेक्ट्रॉनों की गति के संबंध में अत्याधुनिक उपकरण बनाये जा सकेंगे। इसका उपयोग उन तीव्र प्रक्रियाओं को मापने के लिए किया जा सकता है, जिनमें इलेक्ट्रॉन गति करते हैं या ऊर्जा में बदलते हैं। इलेक्ट्रॉनों में, ऐसे बदलाव मात्र एटोसेकंड के दसवें हिस्से के भीतर होते हैं।
अमरीका के पियरे एगोस्टिनी, जर्मनी के फेरेंक क्रूज़ और स्वीडन की ऐनी एल’हुइलियर ने प्रयोगों में दिखाया है कि प्रकाश की बेहद छोटी तरंगे कैसे उत्पन्न की जाती हैं।
पुरस्कार स्वरूप इन वैज्ञानिकों को स्वर्ण पदक, प्रमाण-पत्र और करीब आठ करोड़ रुपए की राशि दी जाती है।