संवाद। मो नज़ीर क़ादरी
अजमेर । शहर के सरकारी स्कूलों में अब अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। इसके लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर के 10 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम तैयार किए गए हैं। ई-लर्निंग की तर्ज पर प्रत्येक स्कूल में 40 टैब दिए गए हैं।
इन क्लासरूम की सबसे खास बात यह है कि इसमें छात्रों का ऑनलाइन टेस्ट लिया जाता है। टेस्ट के परिणाम का आंकलन भी ऑन लाइन प्राप्त हो रहे हैं। जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए हैं, उनका सालाना परीक्षा परिणाम में भी काफी सुधार हुआ है। इस प्रकार किए गए बदलाव की वजह से टीचर को यह पता चलता है कि किस छात्र ने किस विषय में सबसे ज्यादा सही जवाब दिए और किस विषय में सबसे ज्यादा गलत जवाब दिए हैं। इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि किस विषय को छात्र अच्छे से समझ चुके हैं और किस विषय में छात्रों को और अच्छे से पढ़ाने की ज़रुरत है। स्मार्ट क्लासरूम में छात्रों को अडेप्टिव लर्निंग टूल के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। इस टूल की सबसे खास बात यह है कि इसमें जटिल विषयों को सरल भाषा में पढ़ाया जाता है। उदाहरण के लिए यदि किसी विषय को समझने में छात्रों को समस्या आती तो उस विषय को सरल भाषा में, साथ ही उदाहरण के साथ समझाया जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन बच्चों को होगा, जो कठिन विषय को पढ़ने से दूर भागते हैं।
कक्षा एलकेजी से लेकर 12 वीं तक का पाठ्यक्रम उपलब्ध
राजकीय जवाहर स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक भरत सिंह ने बताया कि स्मार्ट क्लासेज में कक्षा एलकेजी से लेकर 12 वीं तक का पाठ्यक्रम पहले से ही फीड है। स्मार्ट क्लासेज में किसी भी विषय में अधिक जानकारी हेतु पाठ्यक्रम का ऑन लाइन भी अध्ययन किया जा सकते हैं। स्क्रीन पर जिस विषय का चयन किया जाता है उसके संबंध में विस्तार से जानकारी, एमसीक्यू प्रश्न इत्यादि की जानकारी मिल जाती है। छात्र अच्छे से विषय का अध्ययन पर अपनी कमजोरी को दूर कर सकता है।
मददगार साबित हो रहा टैब
स्मार्ट क्लासरूम के प्रत्येक छात्र का अपना लॉग इन आईडी बना हुआ है। लॉग इन करते ही उसके टैब की स्क्रीन पर पाठ्यक्रम की जानकारी प्रदर्शित होने लगती है। क्लासरूम में लगी एलईडी स्क्रीन पर टीचर जो पढ़ाते हैं, वह टैब पर भी डिस्प्ले होता है।
स्मार्ट क्लास रूम से बदला पढ़ाई का ट्रेंड
12 वीं कला वर्ग के छात्र निखिलेश जैन ने बताया कि स्मार्ट क्लास रूम से पढ़ाई का स्तर काफी ऊंचा हुआ है। अधिक समझ आने लगा है। पाठ्यक्रम में यदि समझ नहीं आ रहा है तो रिवाइंड कर पुन: सुना जा सकता है। पहले से परीक्षा परिणाम में भी सुधार हुआ है।
शाला का परीक्षा परिणाम हुआ बेहतर
राजकीय जवाहर स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक भरत सिंह ने बताया कि स्मार्ट क्लास रूम से स्कूल का सालाना बोर्ड का परीक्षा परिणाम बेहतर हुआ है। छात्रों के कुल अंकों के प्रतिशत में भी इजाफा हुआ है। स्मार्ट क्लासेज में छात्रों अच्छा वातावरण मिलता है और वे कमजोर विषय में रिवाइज कर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। उनमें सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है।