उर्दू शिक्षकों और पत्रकारों को अल्पसंख्यक कांग्रेस ने किया सम्मानित
6 अक्टूबर 1989 को एनडी तिवारी सरकार ने दिया था उर्दू को दूसरी राज भाषा का दर्जा
लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आज प्रदेश भर में उर्दू पत्रकारों और शिक्षकों को उर्दू के विकास में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया। 1989 में 6 अक्टूबर को ही कांग्रेस की तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने उर्दू को उत्तर प्रदेश की दूसरी अधिकृत राजभाषा घोषित की थी। अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आज पूर्व मुख्यमन्त्री स्वर्गीय एनडी तिवारी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में बताया कि हर ज़िले में 20 लोगों जिसमें पत्रकार, उर्दू शिक्षक, मदरसे के शिक्षक शामिल हैं को घर जाकर अल्पसंख्यक कांग्रेस नेताओं ने नारायण दत्त तिवारी की तस्वीर वाला प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब तक कांग्रेस केंद्र की सत्ता में रही मदरसों के शिक्षकों को समय पर वेतन मिलता रहा। वहीं जब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही उर्दू रोजगार से जुड़ी भाषा बनी रही। लेकिन कांग्रेस के सत्ता से दूर होने के बाद आई बाकी सरकारों ने उर्दू को केवल सांस्कृतिक भाषा तक सीमित कर दिया। जिससे उर्दू रोजगार की भाषा नहीं रह गयी। उन्होंने कहा कि 2024 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मदरसों के शिक्षकों को पूरा बकाया वेतन दिया जाएगा। उन्होंने उर्दू भाषी लोगों से 2024 में राहुल गाँधी को प्रधान मंत्री बनाने के लिए एकजुट होने की अपील की।