लखनऊ। अध्यापकों को सुविधा के अनुसार प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग की तमाम सेवाएं व सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। लेकिन समय रहते इसका लाभ शिक्षकों को नहीं मिल पाता है। जिसका उदाहरण यह है कि अब शिक्षकों और कर्मचारियों को बकाया भुगतान, एरियर आदि के लिए चक्कर नहीं काटना पड़ रहा है। जबकि हकीकत इसके उलट है, प्रदेश भर में एरियर भुगतान के 4,838 मामले लंबित हैं।
विभागीय अधिकारियों ने पिछले दिनों मानव संपदा पोर्टल पर आए शिक्षकों-कर्मचारियों के देयकों के भुगतान की स्तिथि स्पष्ट की थी।
आए ऑनलाइन आवेदन के भुगतान की समीक्षा की। इसमें पता चला कि प्रदेश भर में भुगतान के 4,838 मामले लंबित हैं। खास यह कि यह मामले प्रदेश के हर जिले में हैं। सर्वाधिक मामले बांदा में 329, हरदोई में 256, रायबरेली में 184, कानपुर देहात में 175, प्रयागराज में 157, आगरा में 156, फतेहपुर में 173, लखनऊ में 123, बस्ती में 122, गाजीपुर में 125, कन्नौज में 154, फर्रुखाबाद में 135 और खीरी में 108 लंबित हैं।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इसे लापरवाही बताया है। उन्होंने सभी बीएसए और वित्त एवं लेखाधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है। साथ ही सभी बकाया देयकों का निस्तारण करते हुए इसकी आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को उनके मंडल की समीक्षा कर लापरवाही करने वाले अधिकारियों- कर्मचारियों को चेतावनी जारी करते हुए उनकी स्पष्ट संस्तुति उपलब्ध कराने को कहा है।