2024 में कांग्रेस की सरकार बनने पर भूमिहीन दलितों को दिये जाएंगे ज़मींन के पट्टे
लखनऊ । अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने वरिष्ठ दलित चिंतक एसआर दारापुरी व अन्य दलित कार्यकर्ताओं पर भूमिहीन दलितों को ज़मीन देने की मांग के साथ गोरखपुर में कार्यक्रम करने पर जेल भेज देने को योगी सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का ताज़ा उदाहरण बताया है। उन्होंने तत्काल मुकदमा वापस लेने और मुख्यमन्त्री द्वारा दलित समाज से माफी मांगने की मांग की है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भाजपा संविधान के बजाए प्राचीन काल की वर्ण व्यवस्था के अनुरूप समाज बनाना चाहती है जिसमें शुद्रों और अवर्णों को ज़मीन रखने का अधिकार नहीं होता था। इसीलिए भूमिहीन दलितों को ज़मीन देने की मांग करने वालों को सरकार जेल भेज रही है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले मई में ही योगी सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा 1951 में लाए गए जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार क़ानून के दायरे से शहरी दलितों को बाहर कर दिया था। यह क़ानून दलितों की ज़मीन को गैर दलितों द्वारा खरीद पर रोक लगाता था। इस क़ानून के खत्म हो जाने के बाद अब कोई भी दबंग किसी दलित की ज़मींन शहरी विकास के नाम पर डरा-धमका कर ख़रीद सकता है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इंदिरा गाँधी की कांग्रेस सरकार ने भूमिहीन दलितों को ज़मीन के पट्टे दिए थे। 2024 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भूमिहीन दलित परिवारों का सर्वे करवाकर फिर से उन्हें ज़मीन के पट्टे दिए जाएंगे। वहीं गैर दलितों द्वारा क़ब्ज़ाई गयी दलितों की ज़मीन भी दलितों को वापस कराई जाएगी।