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कामयाबी का सर्टिफ़िकेट चाहते हो तो अपने रब के मुताबिक़ ‘जियो’ : मुहम्मद इक़बाल

आगरा | मस्जिद नहर वाली सिकंदरा के इमाम मुहम्मद इक़बाल ने जुमा की नमाज़ से पहले अपने संबोधन में इस बात पर फ़ोकस किया कि दुनिया की ज़िंदगी अल्लाह की नज़र में कुछ मिनटों की है। उन्होंने कहा, अल्लाह ने क़ुरआन में साफ़ तौर पर इस बात को बता दिया है कि– “उनको वो दिन याद दिलाइए जिसमें अल्लाह उनको अपने सामने जमा करेगा तो उनको ऐसा महसूस होगा कि जैसे वो दुनिया में सारे दिन की एक-आध घड़ी रहे होंगे।” (सूरह यूनुस आयत नंबर : 45)। तो अल्लाह की नज़र में ये असल हालत है इस दुनिया की, जिसमें हम इतने बड़े बड़े प्रोग्राम बना कर ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। इसलिए समय को बर्बाद ना करें, जिस काम के लिए इन्सान को दुनिया में भेजा है उसी पर फ़ोकस रखें। इन्सान दुनिया में इसलिए आया है कि अपने रब की पसंद के अनुसार ज़िंदगी गुज़ारे।

इक़बाल साहब ने आगे कहा कि इस दुनिया के हिसाब से इन्सान को ‘चंद साल’ की आयु मिली है इस अवधि में अल्लाह की पसंद के ख़िलाफ़ कोई काम करना अपने को हमेशा के लिए ही बर्बाद कर लेना है। सही ज़िंदगी का इस्तेमाल वो है जो मरने के बाद काम आए। मरने के बाद सिर्फ़ वो ही कामयाब कहलाएगा जिसने मरने से पहले की ज़िंदगी अपने रब की पसंद के अनुसार गुज़ारी होगी। उसी को कामयाबी का ‘सर्टिफ़िकेट’ मिलेगा। उन्होंने आगे कहा, इसलिए ज़रूरी है कि इस दुनिया के थोड़े से समय में हम कोई भी अनावश्यक काम करके समय को बर्बाद ना करें। हमारा फ़र्ज़ है कि हम क़ुरआन की रोशनी में अल्लाह की इस ज़िंदा किताब को पढ़ें और इसके अनुसार अपनी ज़िंदगी गुज़ारें। जो ऐसा नहीं करेगा उस के लिए मरने के बाद का अंजाम बहुत ही ‘ख़तरनाक’ होगा। अक़्लमंद वो है जो यहां रब की माने तभी वहां रब उस की मानेगा, इन-शा-अल्लाह। अल्लाह हम सबको कामयाबी का सर्टिफ़िकेट अता फ़रमाए।