पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह में राष्ट्र निर्माण में चिकित्सकों की भूमिका विषय पर हुई संगोष्ठी
तीन जिलों के पांच मेडिकल कॉलेज के छात्र समेत 700 से अधिक चिकित्सकों ने की सहभागिता
आगरा और मथुरा के चार चिकित्सक भी किए गए सम्मानित, चिकित्सक बोले सेवा ही हमारा धर्म
आगरा। हमारे देश की चिकित्सक अपना धर्म लगातार निभा रहे हैं इसीके चलते स्वतंत्रता कल के समय जो औसत आयु मात्र 32 वर्ष थी वह आज 70 वर्ष हो चुकी है। सनातन काल से चिकत्सक सेवा का व्रत लेकर कार्य करते रहे हैं। इस सेवा को निरंतर जारी रखें और अपने देश को और मजबूत एवं स्वस्थ बनाएं। युवा चिकित्सकों को संबोधित करते हुए यह कहा उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने।
शनिवार को पंडित दीनदयाल धाम, फरह स्थित मधुकर सभागार में आयोजित जयंती समारोह के अंतर्गत राष्ट्र निर्माण में चिकित्सकों की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
आयोजन का शुभारंभ पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
संगोष्ठी संयोजक एवं प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज डॉ प्रशांत गुप्ता ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का स्वागत एवं सम्मान किया।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आगे कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार नित नए आयाम तय कर रही है। पहले से ही सरकारी अस्पतालों में निः शुल्क चिकित्सा दी जा रही। आगे भी स्वास्थ सेवा को लेकर जनता के हित में कार्य किए जायेंगे।
आयोजन में एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा, एफएच मेडिकल कॉलेज फिरोजाबाद, फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज, केडी मेडिकल कॉलेज मथुरा और केएम मेडिकल कॉलेज मथुरा के चिकित्सकों सहित करीब 700 से एअधिक छात्रों ने सहभागिता की।
विशिष्ट अतिथि आचार्य एवं विभाग अध्यक्ष रेडिएशन ऑनकोलॉजी विभाग केजीएमयू लखनऊ प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने कहा कि चिकित्सा और शिक्षा निः शुल्क होनी चाहिए। धनार्जन के लिए चिकत्सक न बनें बल्कि सेवा भाव से लोगों का इलाज करें।
विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश जी ने कहा कि एक डॉक्टर का दायित्व संपूर्ण प्राणी को चिकित्सा सेवा देना है।आपका भोजन आपकी औषधि बननी चाहिए किंतु आज चिंतन में अर्थ प्रधानता के कारण भूला दी जा चुकी है। चरक शपथ छात्रों को मेडिकल में दाखिल होने के साथ ही दिलाई जाती थी किंतु आज वो शपथ डिग्री के समय दिलवाई जाती है। दिनेश जी ने छात्रों को चरक शपथ का अर्थ भी बताया। उन्होंने कहा कि भारत तभी मजबूत होगा जब नागरिक मजबूत होंगे और नागरिक तब ही मजबूत होंगे जब वे स्वस्थ होंगे।
इससे पूर्व अतुल कृष्ण महाराज ने स्वामी विवेकानंद द्वारा अमेरिका में दिए गए संबोधन का जिक्र किया। कहा संसार में सभी प्राणी, सजीव या निर्जीव सभी में एक ही आत्मा है। गॉड पार्टिकल का अर्थ है हर कण में आत्मा, ये सिद्धांत हमारे देश ने हजारों वर्ष पहले ही दे दिया था।
संत गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि डाक्टर और डॉक्टरी में अंतर समझें। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी सनातन की मुख्य परिभाषा के सूत्रधार थे। यदि हर चिकित्सक इनके आदर्शों को अपना लें तो सेवा पेशे जैसे शब्दों से संबोधित नहीं की जाएगी। मेला समिति मंत्री मनीष अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इनका हुआ सम्मान
आयोजन में आगरा और मथुरा के चिकित्सकों का सेवा कार्य के लिए सम्मान किया गया। आगरा से डॉ प्रशांत लवानिया और डॉ अखिल प्रताप सिंह एवं मथुरा से डॉ बीसी गोयल व डॉ बीबी गर्ग को सम्मानित किया गया।
ये रहे मुख्य रूप से उपस्थित
आयोजन में श्री मंगल सेवा धाम के गोविंद आनंद तीर्थ जी महाराज, विश्व हिंदू परिषद के दिनेश जी, आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र जी, लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग, अतुल कृष्ण महाराज, दीनदयाल उपाध्याय जन्म भूमि स्मारक समिति के अध्यक्ष मधुसूदन दादू, मेला समिति अध्यक्ष सोहनलाल शर्मा, मंत्री मनीष अग्रवाल, केशव कुमार शर्मा, अभिषेक जैन, पूरन डावर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
इन्होंने संभाली व्यवस्था
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ बृजेश शर्मा, डॉ जीवी सिंह, डॉ कमल भारद्वाज, डॉ पंकज नगायच, डॉ करन रावत, प्रो डॉ प्रीति भारद्वाज थे। डॉ टीपी सिंह, डॉ तिरुपति नाथ, डॉ चंद्रपाल, डॉ प्रभात अग्रवाल, डॉ अजीत चाहर, डॉ अनुभव गोयल, प्रो डॉ दिनेश राठौर, डॉ कामना सिंह, डॉ रेनू अग्रवाल, डॉ अंकुर गोयल आदि ने व्यवस्था संभाली। संचालन प्रो गजेंद्र ने किया।