संवाद। नूरूल इस्लाम
शहिद सैनिक के अंतिम दर्शनों के लिए लोगो को उमड़ा हुजूम
कासगंज। सिक्किम में विगत 3 अक्टूबर को आई बाढ़ में लापता कासगंज के रहने वाले सैनिक के शव के मिलने के बाद उसकी शिनाख्त रविवार को सिक्किम में शहीद सैनिक राघवेंद्र कुमार सिंह उर्फ रास बिहारी के परिजनों ने की जिसके बाद आज मंगलवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर कासगंज के बारह पत्थर मैदान होते हुए गांव पिरोंदा पहुंचा। शहीद राघवेंद्र कुमार सिंह 2004 में सेना में भर्ती हुए थे और वर्तमान में सिक्किम में बटालियन में तैनात थे। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर कासगंज के बारह पत्थर मैदान पर पहुंचा है.जहां उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। हजारों की संख्या में लोग हाथों में तिरंगा लेकर सड़कों पर शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर के आगे और पीछे पैदल और मोटरसाइकिलों से चलते हुए शहीद सैनिक राघवेंद्र सिंह अमर रहे के नारे लगा रहे थे। सड़कों पर अजब ही देश भक्ति का नजारा देखने को मिल रहा था।
बता दें विगत विगत 3 अक्टूबर मंगलवार को सिक्किम में बादल फटने की घटना के बाद तीस्ता नदी में आई बाढ़ में 23 सेना के जवान लापता हो गए थे। उनमें कासगंज के रहने वाले लांस नायक राघवेंद्र कुमार सिंह भी थे.सेना द्वारा लापता जवानों की लगातार खोजबीन की जा रही थी जिसके बाद अनेक जवानों के शव बरामद हुए थे शवों की शिनाख्त के लिए जवानों के परिजनों को बुलाया गया था। शहीद राघवेंद्र के परिजन 8 अक्टूबर को पहुंच गए थे. विगत रविवार को शहीद राघवेंद्र के परिजनों ने अपने बेटे की शिनाख्त की जिसके बाद सोमवार को शहीद राघवेंद्र का पार्थिव शरीर कासगंज पहुंचना था लेकिन खराब मौसम के चलते विमान उड़ान नहीं भर सका जिसके बाद आज मंगलवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर कासगंज पहुंचा है जहां शहर के बारह पत्थर मैदान में शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया उसके बाद शहीद के गांव पिरोंदा पहुंचा। शहीद राघवेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए। माता पिता की मृत्यु हो चुकी है। 6 भाइयों नरेंद्र सिंह, छोटे, रामेंद्र सिंह, केदार सिंह, सुखेंद्र सिंह में राघवेंद्र सिंह सबसे छोटे थे।