उत्तर प्रदेश

किसानों की जमीनों पर आगरा विकास प्राधिकरण के बोर्ड लगाने गई एडीए की टीम को किसानों ने खदेड़ा

किसानों ने नहीं लगाने दिया आगरा विकास प्राधिकरण का बोर्ड

किसानों के आक्रोश तथा विरोध के कारण एडीए की टीम लौटी

आगरा। किसानों की जमीनों पर आगरा विकास प्राधिकरण के बोर्ड़ लगाने गई एडीए की टीम को किसानों ने खदेड़ा। एत्मादपुर मदरा एवं बुढ़ाना में सन 2009 की सर्किल रेट पर 124 हेक्टेयर जमीन का आगरा विकास प्राधिकरण ने बिना किसानों की सहमति लिए अवार्ड कर दिया है।जिससे किसानों में भारी आक्रोश है। गाँव मदरा की जमीन बेसकीमती हैं। जिसको आगरा विकास प्राधिकरण कौड़ियों के भाव में ज़ोर जबरजस्ती हथियाना चाह रहा है।लेकिन किसान अपनी बेशकीमती जमीन को एडीए को नहीं देना चाहता है।

इसके चलते आज गाँव मदरा में आगरा विकास प्राधिकरण की सचिव गरिमा सिंह भारी दलबल के साथ अधिग्रहण जमीन पर बोर्ड लगाने पहुँची परन्तु किसानों के आक्रोश तथा विरोध के कारण बापिस लौट गई। किसानों ने एडीए की टीम को आगरा विकास प्राधिकरण का बोर्ड़ नहीं लगाने दिया।


सूचना पाकर किसान नेता सोमबीर यादव , मुकेश पाठक ,राना बाबू रघुवंशी पहुंच गए और उन्होंने एडीए सचिव सवाल जबाब किये।किसान नेता सोमबीर यादव से एडीए सचिव गरिमा सिंह की खूब तड़का भड़की हुई। किसान नेता ने कहा कि हम अपनी जमीन को कौड़ियों के भाव एडीए को नहीं देंगे ।चाहें हमें कितनी बड़ी कुर्बानी क्यों नहीं देने पड़े।


किसान नेता मुकेश पाठक ने कहा है। कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री जी के आदेशों की आगरा विकास प्राधिकरण धज्जियां उड़ा रहा है।जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री आगरा में आये थे तब कह कर गये किसानों उनकी जमीन का उचित मूल्य मिलना चाहिए।उत्तर प्रदेश किसान हैं।किसान कही से नहीं आये हैं। किसान नेता रामनिवास रघुवंशी ने कहा है। कि देश के किसानों को अन्न दाता कहा जाता है। कि आज उसी की जमीन एडीए जबरन कौड़ियों के भाव में लेना चाहता है।लेकिन इसका जबाब किसानों 2024 के चुनावों पर देगा।