मुंबई से आए ह्यूमन मिल्क बैंक कन्वेनर, प्रमोटर एवं कॉर्डिनेटर दीपक जे दावे करें सहयोग
खतैना रोड, जयपुर हाउस में निर्माणाधीन श्रीचंद्रभान साबुन वाले सेवा ट्रस्ट द्वारा की जा रही पहल
अनेक बीमारियों से महिलाओं को मिल सकती है राहत, प्रसव बाद दूध दान करने से होगा अनाथाें का भी कल्याण
आगरा। मां दूध, यूं ही वरदान नहीं कहा जाता। ये वो अमूल्य सोना है जो न सिर्फ शिशुओं के लिए जीवनदायी, स्वास्थदायी होता है वहीं स्तनपान कराने वाली माताएं भी स्वयं निरोगी और ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से दूर रह सकती हैं। मां के दूध की महत्ता को देखते हुए आगरा में प्रदेश की पहली मदर मिल्क बैंक की स्थापना की पहल श्री चंद्रभान साबुन वाले सेवा ट्रस्ट की ओर से जा रही है।
सोमवार को खतैना रोड, जयपुर हाउस स्थित ट्रस्ट के निर्माणाधीन गर्भाधान संस्कार एवं मेटरनिटी होम पर मदर मिल्क बैंक उदघोषणा समारोह आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य वक्ता भारत में ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना में सहयोगी दीपक जे दावे (मुंबई) ने बताया कि देश में ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना 1987 से आरंभ हुई थी। तब से अब तक करीब 38 बैंक स्थापित हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में यह पहली मदर मिल्क बैंक स्थापित होगी। जो भी प्रसूता माताएं स्तनपान कराती हैं, वे अपने शिशु को स्तनपान कराने के अतिरिक्त दुग्ध को बैंक में दान कर सकेंगी। इससे उनके द्वारा दान किये गए दुग्ध से मां के दूध से वंचित बच्चों को जीवन दान मिल सकेगा।
सीएमओ डॉ अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि मां का दूध मानवजाति के लिए ही वरदान की तरह है। आगरा में इस तरह की बैंक की स्थापना होना शहरवासियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि प्रसव के बाद शुरुआती दो दिन का मां के आंचल का वो पीला दूध अमूल्य सोने की तरह होता है। वहीं करीब छह माह तक मां का दूध शिशुओं के लिए लाभदायक होता है। उधर स्तनपान न कराने या दूध की गांठ रह जाने के कारण महिलाओं को तमाम बीमारियां भी घेर लेती हैं। यदि प्रसूता अपना दुग्ध अपने शिशु को पिलाने के बाद बैंक में जमा करा देती है तो इससे अन्य शिशु को भी जीवनदायी अमृत मिल सकता है। समाजसेवी एवं संरक्षक अशाेक गोयल ने कहा कि गर्भाधान संस्कार एवं मेटरनिटी होम स्वतः शहर के लिए एक उपहार की तरह है, जहां प्रसवपूर्व मां के गर्भ में ही बच्चे में संस्कारों के बीज रोपित किये जाएंगे। वहीं प्रसव के बाद मां के दूध की सुरक्षा का दायित्व भी अब निभाया जाएगा। ये सेवा पूरी तरह निःशुल्क रहेगी।
उद्घाेषणा समारोह के अवसर पर डा. भारती अगव्राल, डॉ अनुपम गुप्ता, डॉ संजय चतुर्वेदी, मुकेश जैन, एडवोकेट अशाेक अग्रवाल, राकेश गर्ग, नंदकिशाेर गोयल, नरेंद्र कुमार, रमेश कुमार, निधि अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, सुरेश चंद्र अग्रवाल, कांता माहेश्वरी, ब्रजलता अग्रवाल, रवि अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
इस तरह किया जाएगा मां का दूध संरक्षित
दीपक जे दावे ने बताया कि कोई भी स्तनपान कराने वाली मां अपने शिशु को दूध पिलाने के पश्चात बचे आंचल के दूध को मदर मिल्क बैंक में प्रिर्जव करा सकेगी। दूध को एक स्टेनलेस स्टील के कंटेनर में भरकर फ्रिज में स्टोर करने के बाद बैंक तक लाने के लिए एक कूल बैग, जिसमें ड्राई आइस हों, उसमें रखकर ला सकेंगे। बैंक में दूध की स्क्रीनिंग की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि दानदाता माता किसी तरह की बीमारी से ग्रस्त जैसे कैंसर, एड्स आदि से ग्रस्त तो नहीं हैं। एल्कोहल का सेवन तो नहीं करतीं। परीक्षण के बाद दूध को बैंक में रख सकेंगे।
इस तरह से हो सकेगा दूध का प्रयोग
कोई शिशु जिसे जन्म के बाद मां का दूध किसी भी कारण से नहीं मिल पा रहा है, उसके लिए मदर मिल्क बैंक से संपर्क किया जा सकता है। बैंक से दूध ले जाने के बाद पहले कमरे के तापमान तक उस दूध को लाकर, बच्चे को पिला सकेंगे।
पूर्वाग्रह से ग्रसित न हों, मां का दूध वरदान है
देश में ह्यूमन मिल्क बैंक की संस्थापक डॉ अरमिडा फर्नांडीज के सहयोगी के रूप में कार्य कर रहे दीपक दावे ने बताया कि भारत के अतिरिक्त मलेशिया, बांग्लादेश में भी ह्यूमन मिल्क की स्थापना में वे सहयोग कर चुके हैं। सिंगापुर में भी जल्द मिल्क बैंक आरंभ हो जाएगी। भारत में निम्नवर्ग की महिलाएं अपने आंचल का दूध दान करने में हिचकिचाती नहीं हैं। उनके लिए ये परमार्थ है किंतु विडंबना है कि उच्च वर्ग में ये सोच कम है। पूर्वाग्रह, अहम या वहम के कारण इतना अतुलनीय दान उच्चवर्ग की महिलाएं नहीं करतीं। जबकि इससे स्वयं उनके भी शरीर को लाभ पहुंचता है। बीमारियों से दूर रहने के साथ ही उनका शरीर भी सुडौल और स्वस्थ रहता है।
फोटो, कैप्शन− खतैना रोड, जयपुर हाउस स्थित श्रीचंद्रभान साबुन वाले ट्रस्ट के निर्माणाधीन गर्भाधान संस्कार एवं मेटरनिटी होम में स्थापित होने जा रही मदर मिल्क बैंक की जानकारी विशेषज्ञ दीपक जे दावे। साथ हैं मंचासीन सीएमओ डॉ अरुन श्रीवास्तव, डॉ नरेंद्र मल्होत्रा, अशाेक गोयल, मुकेश जैन, डॉ भारती अग्रवाल, डॉ अनुपम गुप्ता व अन्य।