आगरा। नहर वाली मस्जिद के इमाम जुमा मुहम्मद इक़बाल ने फ़िलिस्तीन मौजूदा हालात पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज जो कुछ ग़ाज़ा में हो रहा है वो एक ख़तरनाक हालत बन चुकी है। क्या दुनिया में कोई लीडर है जिसको थोड़ी भी हमदर्दी पीड़ितों के साथ हो ? ऐसा लगता है कि इस वक़्त कोई भी लीडर नहीं है। कितने शर्म की बात है। क्या सिर्फ़ अल्लाह के सामने जनता ही जाएगी? उनका ही हिसाब-किताब होगा? किसी शासक का नहीं? वो शासक कहलाने का अधिकार ही नहीं रखता जिसके दिल में अल्लाह का ख़ौफ़ और अपनी प्रजा से हमदर्दी ना हो। आख़िर क्या हो गया है इन्सानियत को? इतने दिन हो गए पीड़ित फ़िलिस्तीनियों को, किस हाल में वो ‘जी’ रहे हैं? किसी के दिल में कोई अल्लाह का ख़ौफ़ है? जवाब तो अल्लाह के सामने तुम्हें भी देना है।
मुहम्मद इक़बाल में कहा कि इतना ख़ून बह गया और इस क़दर बर्बादी हो गई अब सिर्फ़ एक काम होना चाहिए कि कोई अल्लाह का बंदा सामने आए जो ये कहे कि बस ! बंद करो ! और आज ही फ़ैसला करो कि फ़िलिस्तीन का शासन कहाँ तक होगा और इजराइल का ये हिस्सा होगा और फ़िलिस्तीन एक स्वतंत्र राज्य बनेगा जिसकी राजधानी येरुशलम और मस्जिद अक़्सा पूर्ण रूप से फ़िलिस्तीन के पास होगी। लेकिन इजराइलियों को भी इजाज़त लेकर जाने का हक़ हो। पूरा अधिकार फ़िलिस्तीन का हो।
मुहम्मद इक़बाल ने कहा कि अगर अब भी ये काम नहीं हुआ तो जिन लोगों ने अब तक क़ुर्बानियां दी हैं और जो कुछ बर्बाद हुआ है वो सब बेकार हो जाएगा इसका जवाब उन तथा कथित हुकूमतों को अल्लाह की अदालत में देना होगा। मैं उन सभी हुकूमतों से ‘अपील’ करता हूँ कि वो फ़ौरन इस काम के लिए आगे आएं और इस समय जो ग़ाज़ा में ख़ून बहाया जा रहा है उसको तुरंत रोका जाये और जो भी मदद की वहां ज़रूरत हो, भेजी जाए। सबसे बड़ी अदालत अल्लाह की है इस में हाज़िरी हर एक की होनी है।