उत्तर प्रदेश

भारतीय शैक्षणिक संगठन ने किया शिक्षकों का सम्मान

आगरा । भारतीय शैक्षणिक संगठन के द्वारा एत्मादपुर तहसील में राष्ट्रनिर्माता शिक्षक, प्रधानाचार्य एवं प्रबंधक के सम्मान में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। शिक्षक सम्मान का आयोजन गुरुवार को आगरा के कालिंदी विहार स्थित श्री बलदाऊ जी गार्डन में किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले यू० पी० बोर्ड के 107 विद्यालय के शिक्षक एवं प्रधानाचार्य एवं प्रबंधकों को शिक्षक सम्मान समारोह में आमंत्रित किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए भी शिक्षाविद को संगठन द्वारा सम्मानित किया गया।

इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष डॉ०आकाश अग्रवाल ने कहा की पुरातन काल से हमारे देश में शिक्षक का दर्जा भगवान के समक्ष रखा गया है । भारतीय शैक्षणिक संगठन हमेशा मानता है कि युवा पीढ़ी ही देश का निर्माण करती है । युवाओं से ही देश के भविष्य का निर्माण होता है । आने वाले युवा आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी,तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान रखते हुए और पुरे विश्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके । युवा पीढ़ी शिक्षा के माध्यम से सही और गलत की पहचान करे इस सब की जिम्मेदारी इन शिक्षकों की होती है।इसलिए शिक्षक ही सही मायने में देश निर्माता है।

इसीलिए इन शिक्षकों को मन में उत्साह भर के एक नवीन भारत का निर्माण करना है जो नवीन भारत शिक्षा, चिकित्सा एवं रोजगार एवं भविष्य की उम्मीदों से परिपूर्ण हो और विश्व के साथ तकनीकी शिक्षा एवं अंग्रेजी भाषा से जुड़ सके जिससे विदेशों में भी भारत का डंका बज सकें । इसीलिए इन सभी देश निर्माता शिक्षकों का आज सम्मान किया गया है। लगभग 107 स्कूलों के लगभग 500 शिक्षकों को सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। साथ ही स्कूलों में आने वाली समस्या और उनका निवारण किस प्रकार हो इस पर भी विचार रखे गए।

और संगठन ने स्कूलों की समस्याओं पर भी चर्चा की और आगे इन्हें दूर करने के लिए किस प्रकार कार्य किया जाए इस पर एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई। डॉ आकाश अग्रवाल ने कहा शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है इस पर खर्च होने वाला रुपया सरकार के द्वारा व्यय किया जाता है इसलिए वित्तविहीन शिक्षकों को सहायता प्राप्त स्कूलों के भांति ही समान कार्य का समान वेतन सरकारी कोषागार से तत्काल प्रदान किया जाए। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को जो सुविधा मिलती है वही सुविधा वित्तविहीन विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को भी निशुल्क प्रदान की जाएं जैसे मिड डे मील, निशुल्क पुस्तक, बैग, जूते, यूनिफॉर्म आदि ।

वितविहीन स्कूलों को रियायती दर पर बिजली उपल्ब्ध कराई जाए यूपी बोर्ड के वित्तविहीन विद्यालयों को मान्यता देने वाली नई नियमावली को निरस्त जाए । करके पुरानी नियमावली को लागू किया वित्तविहीन विद्यालयों को भवन, लैब आदि में सुधार के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाये। प्रदेश महासचिव राजेन्द्र सिंह बिष्ट एवं प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र तिवारी एवं पृथ्वीराज लोधी, करतार सिंह शास्त्री,अंगद धारिया, दिनेश खण्डेलवाल, संदीप मुकरिया आदि ने अपने विचार रखे ।