लखनऊ। फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में जॉर्डन द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग के समय मोदी सरकार का अनुपस्थित हो जाना शांति और अहिंसा पर आधारित भारतीय मूल्यों के विपरीत है। इससे हमारी अपनी उपनिवेशवाद विरोधी परंपरा भी कलंकित हुई है।
ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 120 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कांग्रेस का जन्म ही अंग्रेज़ी उपनिवेशवाद के खिलाफ़ हुआ था इसीलिए कांग्रेस हमेशा इजराइली उपनिवेशवाद के खिलाफ़ रही है। भारत हमेशा से मध्य पूर्व में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का हिमायती रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी का गाज़ा में हिंसा रोकने के प्रस्ताव पर हुए मतदान में मोदी सरकार की अनुपस्थिति की आलोचना करना बिल्कुल उचित और देश के उपनिवेशवाद विरोधी गौरवशाली इतिहास के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा का देश की आज़ादी की लडाई में कोई रोल नहीं था और वो अंग्रेज़ी उपनिवेशवाद के समर्थक थे। इसीलिए वो आज इज़राइल के भी समर्थक हैं। मोदी सरकार की इस हरकत से वैश्विक पटल पर देश की छवि धूमिल हुई है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इंडिया गठबंधन के अन्य दलों को भी संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग पर मोदी सरकार की अनुपस्थिति पर अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि आप अपने देश में तो लोकतंत्र के हिमायती हों लेकिन दूसरी जगहों पर उपनिवेशवाद का समर्थन करें।