संवाद। सैयद इकराम
हापुड़।स्वयं सहायता समूहों की स्थिति अभी भी काफी कमजोर है, खासकर आर्थिक रूप से। समूहों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत कर ग्राम पंचायत विकास की मुख्य धारा में जोड़ने की जरूरत है। ये विचार सोमवार को सम्भौली विकास खंड में आयोजित प्रशिक्षण में उपनिदेशक पंचायत मेरठ मंडल मेरठ ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों को समूहों के आर्थिक विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए सार्थक प्रयास करने चाहिए, जिससे ग्राम पंचायतों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ग्राम पंचायतें रोजगार पर आधारित होंगी। लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। जीवन की गुणवत्ता अच्छी होगी. प्रशिक्षण शिविर में उपनिदेशक ने ग्राम पंचायतों में सतत विकास के लक्ष्यों, विशेष रूप से 9 विषयों पर चर्चा की और लक्ष्यों को प्राप्त करने पर जोर दिया. ग्राम प्रधानों एवं आत्मनिर्भर समूहों को ग्राम पंचायत विकास योजना एवं ग्राम पंचायत में चल रही योजनाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी हरित कुमार, डीसीएनआरएलएम आशा देवी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत शिवम पांडे, डीपीआरसी के उप प्रमुख हर कीरत सिंह, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के डीसी गोपाल राय ने भी समूहों और पंचायतों का दौरा किया।सशक्तिकरण पर जोर दिया। मास्टर ट्रेनर अमित तोमर, कविता शर्मा, पिंकी शर्मा ने पंचायती राज एवं स्वयं सहायता समूह के सभी विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ एवं डीपीआरसी हापुड द्वारा आयोजित किया गया। इसी तरह का दो दिवसीय प्रशिक्षण अन्य विकासखंडों में भी होगा।