नई दिल्ली। मैरिटल रेप और घरेलू हिंसा जैसे सवेदनशील विषय पर आधारित फ़िल्म “लकीरें” ट्रेलर लाँच के बाद से ही चर्चा में हैं राजधानी दिल्ली में अभिनेता आशुतोष राणा, गौरव चोपड़ा ,बिदिता बाग़, निर्देशक दुर्गेश पाठक ने फ़िल्म का प्रमोशन किया। जनकपुरी स्थित आय आयटीएम कालेज़ छात्रों के बीच पहुँचकर फ़िल्म के कलाकारों ने मैरिटल रेप और घरेलू हिंसा जैसे सवेदनशील विषय पर छात्रों से चर्चा भी की। फ़िल्म लकीरें समाज में महिलाओं के अधिकार, स्त्री पुरुष समानता और मैरिटल रेप पर बनने वाले कानून को लेकर महत्वपूर्ण विषय को प्रस्तुत करती हैं | मनोरंजन के साथ साथ घरेलू हिंसा और मैरिटल रेप जैसे गंभीर विषय पर आपको सोचने के लिए भी मजबूर कर देगी |इमेज एंड क्रिएशन, बीटीसी मल्टीमीडिया प्रोडक्शन, ब्लैक पर्ल मूवीज़ के बैनर तले निर्मित और रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा वितरित की जाएगी | यह फिल्म विवाह के संबंधों में सहमति और घरेलू हिंसा की जटिलताओं पर प्रकाश डालती है | फिल्म में आशुतोष राणा, बिदिता बेग, टिया बाजपेयी,गौरव चोपड़ाऔर अमन वर्मा, राजेश जैस, सहर्ष शुक्ला, मुकेश भट्ट, अनिल रस्तोगी, अली मोहम्मद और कई अन्य कलाकार महत्वपूर्ण किरदार में नज़र आयेंगे । फिल्म लकीरे में काव्या ( टिया बाजपेयी द्वारा अभिनीत) वैवाहिक बलात्कार जैसे अपराध के लिए अपने पति विवेक दामोदर अग्निहोत्री (गौरव चोपड़ा द्वारा अभिनीत) के खिलाफ कोर्ट में न्याय की अपील कर रही है | न्याय के लिए काव्या की लड़ाई फिल्म का केंद्र बिंदु है, जो वैवाहिक बलात्कार के पीड़ितों के सामने आने वाली कानूनी और सामाजिक चुनौतियों पर रोशनी डालती है। साथ ही जरूरत के अनुसार सहमति, घरेलू हिंसा और सामाजिक दृष्टिकोण और कानूनों में बदलाव की मांग भी करती है| काव्या के साथ साथ नसीमा और उसकी सहेली अनीता के जीवन में आ रही वैवाहिक समस्याओं को दिखा रहा है जो वैवाहिक बलात्कार, इसी तरह के अत्याचार से संबंधित है | फिल्म में अभिनेत्री बिदिता बाग अधिवक्ता गीता विश्वास का किरदार निभा रही है | अदालत में अभिनेता आशुतोष राणा दुधारी सिंह का किरदार निभा रहे हैं| अन्याय के खिलाफ गीता की लड़ाई समाज के नैतिक मूल्यों और वैवाहिक बलात्कार जैसे गंभीर विषयों पर सवाल उठाती है। समाज में इस तरह के अन्याय सहने वाले कई महिलाओं की आवाज है यह फिल्म लकीरें जो बदलाव का आह्वान करती है। यह फिल्म सामाजिक मानदंडों को चुनौती देती है, कानूनी प्रणाली की नैतिकता पर सवाल उठाती है और वैवाहिक बलात्कार को अपराध के रूप में मान्यता देने की वकालत करता अभिनेता आशुतोष राणा ने कहा कि हमारे देश में मैरिटल रेप और घरेलू हिंसा पर खुलकर चर्चा नहीं होती फ़िल्म लकीरें इस सवेदनशील मुद्दे को एक मनोरंजक कोर्ट रूम ड्रामा के साथ प्रस्तुत करती हैं। इस अवसर पर अभिनेता गौरव चोपड़ा ने कहा कि “मेरा किरदार अहंकार और पुरुष प्रधान सोच वाला हैं । यह बिलकुल मेरे स्वभाव से विपरीत किस्म का व्यक्ति हैं इसलिए पर्दे पर निभाना काफ़ी चुनौतीपूर्ण रहा । यह फ़िल्म एक गंभीर विषय पर बहुत ही साहस के साथ अपनी बात रखती हैं ।
अभिनेत्री बिदिता बाग ने बताया “मैं एकमहिला वकील के किरदार में हूँ जो एक मैरिटल रेप की महिला को न्याय दिलाने की लड़ाईलड़ रही हैं । यह बहुत ही संवेदनशील विषय पर आधारित हैं हम चाहते हैं कि दर्शक इस फ़िल्मको देखे और समाज में कहीं भी ऐसी कोई घटना हो रही है तो उसका विरोध करें।फिल्म इस शुक्रवार 3 नवंबर, 2023 को सिनेमा गृह में रिलीज होगी जिसका डिस्ट्रिब्यूशन रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा किया जा रहा है।