आगरा। नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन रूप चौदस का भी त्योहार मनाया जाता है।. इस दिन प्रातःकाल तिल का तेल लगा कर स्नान करने से भगवान कृष्ण रूप और सौन्दर्य प्रदान करते हैं. इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज और मां काली के पूजन का विधान है. नरक चतुर्दशी के दिन ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके पूजन करना चाहिए।
छोटी दीपावली पर शाम को घर के बाहर चौमुखा दीप जलाने की परंपरा है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था। इसलिए छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। नदी घाटों पर लोग नरक चतुर्दशी पर नदी स्नान की प्राचीन मान्यता भी है।
छोटी दीवाली पर क्या करना शुभ और क्या करने से होगा अशुभ जानिए
छोटी दिवाली के दिन यमराज के नाम का दीपक घर की दक्षिण दिशा (दक्षिण दिशा में रखें ये चीजें) में अवश्य जलाएं। इससे अकाल मृत्यु का योग कुंडली में बन पात है।
छोटी दिवाली के दिन घर में हवन करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन घर में यज्ञ-हवन करने से ग्रह शुभ परिणाम जीवन में लाते हैं।
छोटी दिवाली के दिन घर में कुछ भी नया खरीदकर नहीं लाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भयंकर वास्तु दोष लग जाता है।
छोटी दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार के बाहर जूते-चप्पल न उतारें। यह वास्तु के अनुसार ठीक नहीं है और इससे राहु भी अशुभ होता है।