नई दिल्ली।भारतीय बिजनेस इंडस्ट्री का शानदार नाम सुब्रत रॉय जो किसी समय में टाइम मैगजीन में जगह पाने में सफल रहा था, का 14 नवंबर की देर रात को निधन हो गया है। वर्ष 2004 में टाइम मैगजीन ने सहारा ग्रुप को सबसे बड़े नौकरी देने वाले ग्रुप के तौर पर जगह दी थी। ये वो मौका था जब सहारा में लगभग 12 लाख कर्मचारी काम करते थे।
सुब्रत रॉय के सितारे बुलंदियों पर थे जब उन्होंने महज 2000 रुपये से काम की शुरुआत की और लाखों करोड़ रुपये कमाने में उन्होंने सफलता हासिल की। वर्ष 2015 में फोर्ब्स की लिस्ट में उनका नेथवर्थ 10 अरब डॉलर दर्ज किया गया था। सहारा के दावों के मुताबिक उनकी नेटवर्थ 2.59 लाख करोड़ रुपये की है।
आमतौर पर सहारा श्री के नाम से जाने जाने वाले सूरत राय ने अपने उत्तराधिकारी का नाम घोषित नहीं किया था। सुब्रत राय के निधन के बाद कंपनी ने उनके उत्तराधिकारी के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की है। वैसे बता दें कि सुब्रत रॉय अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए है। ऐसे में संभावना है कि सहारा ग्रुप कारोबार इनके हाथ में ही जाएगा। सहारा सामूह किसी समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला समूह हुआ करता था। हालांकि कानूनी विवाद में फंसकर कंपनी की तरह की रुक गई। कंपनी के मुताबिक सहारा ग्रुप के पास 9 करोड़ निवेशक है। सहारा कंपनी के 5000 से ज्यादा ऑफिस, माल और बिल्डिंग देशभर में है। कंपनी के पास अरबों रुपए की जमीन देश विदेश में है। कंपनी रियल स्टेट फाइनेंस इंफ्रास्ट्रक्चर मीडिया एंटरटेनमेंट हेल्थकेयर हॉस्पिटैलिटी रिटेल और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम कर रही है।
सहारा कंपनी के परिवार में कुल 11 लाख कर्मचारी काम करते हैं। सहारा लंबे और चेतन भारतीय क्रिकेट टीम भी स्पॉन्सर भी रही है। इसके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग में पुणे वॉरियर्स नाम की टीम की फ्रेंचाइजी भी सहारा के पास ही है।