उत्तर प्रदेश

राज्य सरकार को कासगंज के पत्रकारों का अल्टीमेटम

संवाद – नूरुल इस्लाम

एक सप्ताह में हटाए जाएं एसपी व सीओ सिटी
मांगे ना माने जाने पर प्रदेश भर में उग्र आंदोलन करेंगे पत्रकार

कासगंज। प्रदेश की योगी सरकार में पत्रकारों का खबर लिखना दुश्वार होता जा रहा है, योगी सरकार की बेलगाम अफसरशाही पत्रकारों की आवाज को दबाने के लिए साम दाम दंड भेद हर तरीके से कार्य कर रही है। यूपी के कासगंज में एक लकड़ी माफिया के दबाव में सत्ता पक्ष के नेताओं के इशारे पर जिले के आधा दर्जन शीर्ष पत्रकारों के विरुद्ध फर्जी मुकदमा लिखे जाने से जिले भर के पत्रकारों में उबाल आ गया है। जिसके चलते आज गुरुवार को जनपद भर के दर्जनों पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में कासगंज एसपी और सीओ सिटी के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया।
बता दे कि पत्रकार संघ की जिला प्रभारी संजीव कुमार सिंह उर्फ बॉबी ठाकुर के नेतृत्व में पत्रकारों ने राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन डीएम सुधा वर्मा को सौंपते हुए कासगंज एसपी सौरभ दीक्षित और सीओ सिटी अजीत चैहान को एक सप्ताह में हटाए जाने की मांग उठाई तथा पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे की जांच शीर्ष स्तर के अधिकारी से कराए जाने की मांग की है। पत्रकारों ने इसके लिए जिला प्रशासन और सूबे की योगी सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है, एक सप्ताह के अंदर यदि पत्रकारों की उपरोक्त समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो प्रदेश भर में पत्रकार उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे।
आपको बता दें कि 2014 में तत्कालीन कांग्रेस की केंद्र सरकार को और 2017 में यूपी में तत्कालीन सपा सरकार के खिलाफ कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाकर सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने पत्रकारों की मदद से जन-जन तक अपने संकल्प पत्र को पहुंचाया था, कई बार प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी ने पत्रकारों की सुरक्षा और उन पर होने वाले हमलों को लेकर तत्कालीन सरकारों को घेरा था लेकिन अब उनकी ही सरकार में पत्रकारों की आवाज को दबाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है, सीएम योगी की बेलगाम अफसरशाही पत्रकारों के खिलाफ लगातार फर्जी मुकदमे दर्ज कर रही है, मिली जानकारी के अनुसार जनपद कासगंज में लकड़ी माफिया रंजीत राय के द्वारा जिले के आधा दर्जन शीर्ष पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है, पत्रकार संघ के जिला प्रभारी संजीव कुमार सिंह उर्फ बॉबी ठाकुर की माने तो आरोपित रंजीत राय अपराधी किस्म का व्यक्ति है जो भोले भाले लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर गांव-गांव जाकर ठगी करता है, इसी क्रम में रंजीत राय के द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर मेरे खिलाफ एक अपमानजनक वीडियो बनवाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित कराया गया तथा विरोध करने पर रंजीत राय ने फर्जी एससी-एसटी के मुकदमे में फंसाने की धमकी दी, इस क्रम में बॉबी ठाकुर के द्वारा बीती 14 अक्टूबर को थाना सिढ़पुरा पर आरोपी के विरुद्ध तहरीर दी किंतु पुलिस ने आरोपी को संरक्षण देते हुए कोई कार्रवाई नहीं की। दिनांक 5 नवंबर को रंजीत राय समझौते के नाम पर कासगंज पहुंचा, और सोरों रोड स्थित अपना ढाबा पर आधा दर्जन पत्रकारों को समझौते के नाम पर एकत्रित किया। आरोपी के द्वारा साजिश रचते हुए गाली गलौज की गई और खाना खा रहे पत्रकारों की टेबल में लात मार कर अभद्रता की तथा अवैध तमंचा निकालकर जान से मारने की नीयत से पत्रकारों पर फायर करने का प्रयास किया, आरोपी के आने जाने का घटनाक्रम वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया इसके बाद आनंन-फानन में सभी पत्रकार कोतवाली सदर पहुंचे और आरोपित की विरुद्ध तहरीर दी किंतु पुलिस आरोपी को लगातार संरक्षण प्रदान करती रही और उसके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। अगले दिन रंजीत राय के द्वारा सत्ता पक्ष के नेताओं की सारी पर पीड़ित सभी आधा दर्जन पत्रकारों के विरुद्ध फर्जी मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया। इस पूरे प्रकरण में एसपी कासगंज सौरभ दीक्षित और को सिटी कासगंज अजीत चैहान की भूमिका बेहद संदिग्ध रही। जब 5 नवंबर की रात्रि को आरोपी रंजीत राय के द्वारा अपना ढाबा पर घटना को अंजाम दिया गया तो पत्रकारों ने तत्काल इसकी सूचना सीओ सिटी अजीत चैहान समेत सभी अधिकारियों को दी थी लेकिन इसके बावजूद एसपी कासगंज सौरभ दीक्षित ने दूषित मानसिकता के चलते पत्रकारों के विरुद्ध फर्जी मुकदमा पंजीकृत कर दिया। पत्रकारों पर दर्ज हुए फर्जी मुकदमे के बाद जनपद भर के पत्रकारों में उबाल आ गया और उन्होंने कासगंज एसपी व सीओ सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया,

ज्ञापन देने वालों में पत्रकार संघ के जिला प्रभारी संजीव कुमार सिंह उर्फ (बॉबी ठाकुर), गुड्डू यादव, सरवर हुसैन, अतुल यादव (रवि भैया), जसवीर, चेतन गौतम, आशुतोष पचैरी, अजय यादव, राशिद अली, विजय दास मौर्य, देवेंद्र यादव, विजय पुंडीर, विक्रम पांडे, मनोज पाराशर, फहीम अख्तर, अमन यादव, अतुल यादव, अश्विनी महेरे, नुरुल इस्लाम, अजमेरी वारसी, वसीम कुरेशी, सचिन उपपाध्याय, कपिल दीक्षित, मोहम्मद कामरान, फरमान फारूकी, जुम्मन कुरैशी, अनुज गुप्ता, मोहम्मद नबी, खुर्शीद अहमद, अमित उपाध्याय, राधेश्याम यादव, मुकेश यादव, कपिल दीक्षित, रवि कुमार, सचिन दुबे, मानपाल, उवैद अली समेत जनपद भर के दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।