जीवन शैली

गणेश जी की सवारी के साथ श्रीकृष्ण लीला शताब्दी समारोह का हुआ श्री गणेश

  वैदिक विधि एवं पूजन से हुआ मुकुट पूजन संग श्रीकृष्ण लीला महोत्सव का शुभारंभ 
  गणेश जी की आरती उतार विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने निभायी 100 वर्ष पुरानी परंपरा
 11 दिवसीय आयोजन में हर दिन भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का होगा मंचन, सजे गोकुल और मथुरा  
आगरा। 100 वर्ष प्राचीन परंपरा का निर्वाहन करने के लिए एक बार फिर शहरवासी एकजुट होकर ब्रज के रंग में रंगने को तैयार हो चुके हैं। अग्रवन (आगरा) का सबसे प्राचीन श्रीकृष्ण लीला महोत्सव शुक्रवार को मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हो गया। राधे राधे के जयघोष के साथ गणपति की सवारी निकाली गई, जिसने शहर में भ्रमण कर श्री कृष्ण लीला के शुभारंभ का संदेश एवं आमंत्रण शहरवासियों को दिया।
वाटर वर्क्स चौराहा स्थित गौशाला परिसर के मंदिर में शुक्रवार की शाम को गणपति जी का पूजन किया गया। उसके बाद वेद मंत्रोच्चारण के साथ मुकुट पूजन हुआ और विघ्नविनायक से आयोजन के निर्विघ्न संपन्न कराने की प्रार्थना की गई।
पूजन के बाद गौशाला परिसर से गणेश जी की सवारी निकाली गई। सवारी में गणपति की प्रथम आरती विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने की। उनके साथ रामलीला कमेटी के महामंत्री राजीव अग्रवाल, श्रीकृष्ण लीला महोत्सव समिति के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, महामंत्री विजय रोहतगी थे। सभी ने जयघोष किए और वंदना की। उसके बाद बैंड बाजों के साथ गणेश जी की सवारी ने नगर भ्रमण किया। बेलनगंज, कचहरी घाट, छत्ता बाजार, दरेसी नं.2, रावतपाड़ा, सुभाष बाजार, जौहरी बाजार, कसेरट बाजार, किनारी बाजार, सेव का बाजार, फुलट्टी, छिलीईंट घटिया, सिटी स्टेशन रोड, धूलियागंज, पथवारी, बेलनगंज तिकोनिया होती हुई गौशाला वापस आई। मार्ग में कई स्थानों पर गणपति की आरती उतारी गई और पुष्प वर्षा से मार्ग पट गया। इस अवसर पर  पार्षद मुरारी लाल गोयल, अतुल बंसल, शेखर गोयल, संजय गर्ग, बृजेश अग्रवाल, पीके मोदी, विजय रोहतगी, अशोक गोयल, विष्णु अग्रवाल, पंकज मोहन शर्मा, गिर्राज बंसल, विनीत सिंघल, डीके चौधरी, राकेश गुप्ता, सिविल डिफेंस से अनिल गर्ग, डॉ एसपी सिंह, मनोज बंसल, प्रभात रोहतगी, ओम प्रकाश, मुकेश मित्तल, आशु रोहतगी आदि उपस्थित रहे।
शनिवार को निकलेगी कंस की दुहाई
अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया शनिवार सायं 5 बजे गौशाला परिसर से कंस की दुहाई की सवारी निकाली जाएगी, जिसमें कंस के पिता उग्रसेन के कैद करने की लीला का मंचन भी दर्शाया जाएगा। इसके लिए कारागार स्वरूप विशेष रथ तैयार किया गया है। कंस का स्वरूप अपनी नगरी मथुरा, जोकि गौशाला परिसर में ही तैयार की गयी है से जोरदार अट्टाहास करते हुए नगर भ्रमण को निकलेगा।
ये रहेगा लीलाओं के मंचन का क्रम 
18 नवंबर− कंस की दुहाई
19 नवंबर− देवकी वसुदेव विवाह एवं श्रीकृष्ण जन्मलीला
20 नवंबर− गोपाष्टमी, नंदोत्सव, दीपक नृत्य और पूतना वध
21 नवंबर− डांडिया नृत्य और कालीदह लीला
22 नवंबर− गौमय श्रंगार एवं गोवर्धन पूजा− अन्नकूट प्रसाद
23 नवंबर− शंकरलीला− माखन चोरी, फूलों की होली
24 नवंबर− श्रीकृष्ण लीला− सुदामा मिलन लीला
25 नवंबर− अक्रूर गमन− कंस वध एवं आतिशबाजी।
26 नवंबर−श्रीकृष्ण बलराम की दिव्य शाेभायात्रा।
27 नवंबर− द्वारिकापुरी रुक्मणि मंगल विवाह लीला
28 नवंबर− हवन लीला।
चार दिन निकलेंगी शाेभायात्रा 
− श्रीकृष्ण लीला महोत्सव में 17 नवंबर को सायं 4 बजे से श्री मुकुट पूजन एवं गणेश जी की सवारी नगर भ्रमण करेगी।
− 18 नवंबर को सायं 4 बजे से कंस की दुहाई की सवारी निकलेगी।
− 20 नवंबर को गोपाष्टमी विशेष शाेभायात्रा प्रातः 9:30 बजे
− 26 नवंबर को श्रीकृष्ण बलराम की दिव्य शाेभायात्रा सायं 6:30 बजे से निकाली जाएगी।