इंदिरा गाँधी ने 5 राज्यों में मुस्लिम मुख्यमन्त्री बनाकर अल्पसंख्यकों को सत्ता में हिस्सेदारी दी
लखनऊ। इंदिरा गाँधी ने 42 वां संविधान संशोधन करके प्रस्तावना में समाजवादी और सेकुलर शब्द जोड़ कर देश की एकता और अखंडता को अक्षुण बनाया था। भाजपा सरकार इन दोनों शब्दों को संविधान से हटाकर देश को तोड़ने की कोशिश कर रही है। इन शब्दों की रक्षा करना आज देश के हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।
ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी की 106 छठवीं जयंती पर साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 123 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इंदिरा गाँधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र में अब्दुर्रहमान अंतुले, राजस्थान में बरकतुल्लाह खान, बिहार में अब्दुल गफूर, असम में सैयदा अनवरा तैमूर और पॉण्डीचेरी में हसन फ़ारुक को मुख्यमन्त्री बनाकर अल्पसंख्यक समुदाय को सत्ता में उचित हिस्सेदारी दी थी। वहीं भूमिहीन दलितों को ज़मीन के पट्टे देकर उन्होंने समाज को बदल दिया। इस क्रम में उन्होंने 35 लाख भूमिहीन परिवारों को घर बनाकर दिया और 70 लाख बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। जिसमें अधिकतर दलित और पिछड़े समुदाय के लोग थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इंदिरा गाँधी के शासन के समय संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व अपनी आबादी के अनुपात में काफी बेहतर हो गया था। तब 1980 से 1984 के बीच कुल 49 मुस्लिम सांसद हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब से मुसलमान कांग्रेस से दूर हुए उनका नेतृत्व खत्म होता गया जबकि उनके 20 प्रतिशत वोट के बल पर ही 5 प्रतिशत आबादी वाले नेता कई-कई बार सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे। लेकिन उन्होंने कभी भी किसी मुस्लिम नेता को मुख्यमन्त्री तक नहीं बनाया। उल्टे उनके बुरे समय में उनका साथ भी छोड़ दिया।