उत्तर प्रदेश

टीबी मरीज खोजने के लिए एसीएफ अभियान शुरू निकाली गयी जन जागरूकता रैली

पांच दिसंबर तक चलेगा अभियान, होगी नये टीबी मरीजों की खोज

टीबी से बचाव के बारे में प्रचार वाहनों से लोगों को किया जाएगा जागरूक


आगरा। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये नये टीबी मरीजों की खोज और उनका उपचार आवश्यक है । ऐसे नये मरीजों को खोजने के लिए जिले में “एक्टिव केस फाइंडिंग” अभियान का शुभारंभ हो गया है । इसी के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर से जन जागरूकता रैली और प्रचार वाहन को जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. सुखेश गुप्ता ने गुरूवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान रैली में शामिल विभाग के अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित टीबी चैंपियन ने टीबी मुक्त भारत के नारे भी लगाए । अभियान पांच दिसंबर तक चलेगा ।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को दस दिनों तक चलाया जाना है। अभियान में 11.1 लाख की आबादी के बीच से नये टीबी मरीज खोजे जाएंगे। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संभावित क्षय रोग के लक्षण वाले मरीजों की पहचान करेंगी । उनकी जांच कराई जाएगी और टीबी की पुष्टि होने पर इलाज शुरू कराया जाएगा। इस समय निक्षय पोर्टल पर दस हजार टीबी के रोगी दर्ज हैं, जो उपचाराधीन हैं। काफी मरीज अब भी भेदभाव के भय से स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं करते हैं और अपनी बीमारी को छिपाने का प्रयास करते हैं।

ऐसे रोगियों को तलाश करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के दौरान अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, चिन्हित समूहों, ईंट भट्ठे, साप्ताहिक बाजारों आदि में संभावित क्षय रोगियों की तलाश स्वास्थ्य कर्मी करेंगे। अभियान में जिले की जनसंख्या की 20 प्रतिशत हाई रिस्क वाली आबादी में मरीजों को तलाश कर उनका उपचार किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा है कि सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान को सफल बनाने के लिए सभी के साथ की आवश्यकता है। अगर आपको लगातार दो हफ्तों से ज्यादा खांसी, खांसी के साथ खून का आना, छाती में दर्द और सांस का फूलना, वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस करना, शाम को बुखार आना और ठंड लगना जैसे लक्षण हैं तो अभियान के दौरान आने वाली टीम को जानकारी दें और अपनी जांच अवश्य करवाएं।

टीबी के लक्षणों जैसे मिलते-जुलते लक्षण वाले व्यक्ति संज्ञान में आए तो उन्हें तुरंत स्वास्थ्य विभाग और एसीएफ अभियान की टीम से संपर्क करने की सलाह दें। साथ ही उन्हें जांच करने के लिए प्रेरित करें । उन्होंने बताया कि क्षय रोग माइक्रोबैक्टीरिया, ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह रोग मुख्यतः फेफड़े में होता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगो जैसे दिमाग, हड्डी , ग्रन्थियों व आंत में भी हो सकता है।

जिला पीपीएम समन्वयक अरविंद कुमार यादव ने बताया कि एसीएफ अभियान के पहले दिन 373 टीमों द्वारा 731 संदिग्ध टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 339 लोगों के बलगम नमूने जांच के लिए गए ।

रैली में प्रतिभाग के दौरान टीबी चैंपियन नेहा ने बताया कि आज खंदारी में चल रही एसीएफ टीम को उनके द्वारा सहयोग किया गया । उनका उद्देश्य यह रहा कि टीम को ग्राउंड स्तर की सही जानकारी प्राप्त हो । साथ ही उनके द्वारा 50 लोगों की काउंसलिंग भी की गई ।