संवाद – शोएब क़ादरी
उर्स ए कादरी में होंगे बतौर मेहमाने खुसूसी नक़ीबुल अशराफ़ सैयद अफ़ीफ़ उद्दीन कादरी अल जिलानी का 29 नवंबर को इराक के बगदाद शरीफ से बदायूं में होगा आगमन
बदायूं। विश्व प्रसिद्ध दरगाह आलिया कादरिया पर हजरत हुजूर शाह ऐनुल हक मौलाना अब्दुल मजीद कादरी बदायूंनी रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिवसीय 182वां सालाना उर्स-ए-कादरी खानकाहे कादरिया के साहिबे सज्जादा काजी ए जिला अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां कादरी की सरपरस्ती एवं निगरानी में 30 नवंबर गुरुवार से शुरू होने जा रहा है जो एक और दो दिसंबर तक आयोजित होगा। एक दिसंबर शुक्रवार बाद नमाज़े इशा होगी बड़ी कादरी मजीदी कॉन्फ्रेंस और दो दिसंबर को बाद नमाज़े फज्र कुल की फातिहा के साथ उर्स का समापन किया जायेगा।
मुख्य अतिथि के तौर पर मेहमाने खुसूसी उर्स शरीफ में 29 नवंबर बुधवार को दोपहर 12 बजे बदायूं तशरीफ लायेंगे इराक के बगदाद शरीफ से हुज़ूर गौसे आज़म शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह के सज्जादा नशीन नक़ीबुल अशराफ़ हज़रत शेख सैयद अफ़ीफ़ उद्दीन कादरी अल जिलानी साहब। हज़रत का काजी ए जिला समेत तमाम मुरिदैन प्रथम बार जिले में आगमन पर भव्य स्वागत करेंगे।
उर्स अदबों ऐहतिराम व शानों शौकत से आयोजित होने जा रहा है
इस बार उर्स में देश दुनिया से बड़ी संख्या में जायरीनों के आने की उम्मीद है। देश विदेश से आने वाले जायरीनों के लिए खानकाह की ओर से विशेष इंतजाम किये गये हैं। यह जानकारी नाज़िमे उर्स हाफिज अब्दुल क़य्यूम कादरी साहब की ओर से खानकाहे कादरिया के प्रवक्ता तनवीर खान कादरी ने पत्रकार वार्ता में दी।
अपने वक्त के बहुत बड़े सूफी थे साहिबे उर्स
साहिबे उर्स हजरत हुजूर शाह ऐनुल हक मौलाना अब्दुल मजीद कादरी बदायूंनी रहमतुल्लाह अलैह अपने वक्त के बड़े सूफी और आलिम थे। आप हुजूर अच्छे मियां शम्से मारहरा के खलीफा हैं। आपकी विलादत (जन्म) 1765 ईसवी में हुआ था। आप हर पल अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते और लोगों को अपने फैज से नवाजते रहते थे। आपका विसाल 17 मुहर्रम हराम 1263 हिजरी को हुआ था।