जातिगत जनगणना के मुद्दा बनने का पूरा श्रेय राहुल गाँधी और कांग्रेस को
गैर कांग्रेसी विपक्षी दलों की सरकारों ने जातिगत जनगणना कराने की कोशिश नहीं की
लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि योगी सरकार ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर यह बोलकर सदन को गुमराह किया है कि जातिगत जनगणना सिर्फ़ केंद्र करा सकती है। इस झूठ के लिए योगी सरकार को प्रदेश के पिछड़े समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार ने जब जातिगत जनगणना कराने की कोशिश की तब केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में यही तर्क दिया था कि राज्य सरकारें जातिगत जनगणना नहीं करा सकती हैं और यह सिर्फ़ केंद्र सरकार का अधिकार है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के तर्क को ख़ारिज कर दिया था। जिसके बाद बिहार में जातिगत जनगणना हुआ और चौकाने वाले तथ्य सामने आए कि बहुत मामूली संख्या वाली जातियाँ संसाधनों पर क़ाबिज़ हैं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि योगी सरकार सवर्ण और सामंती हितों से संचालित है। इसीलिए पुलिस विभाग पर सिर्फ़ एक ही जाति का वर्चस्व दिख रहा है। जिसके चलते दलित उत्पीड़न के मामले भी दर्ज नहीं हो पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गैर कांग्रेसी विपक्षी दलों ने अपने कार्यकालों में सिर्फ़ चुनिंदा जातियों को ही आरक्षण का लाभ पहुंचाया और इन्होंने कभी भी जातिगत जनगणना कराने की कोशिश नहीं की। आज अगर जातिगत जनगणना पर बहस हो रही है तो इसका पूरा श्रेय राहुल गाँधी और कांग्रेस को जाता है। उत्तर प्रदेश में ओबीसी कांग्रेस ने हर मंडल पर जातिगत जनगणना कराने के समर्थन में सम्मेलन किया था।