- दूसरी शिशु बालिका होने पर मां को एकमुश्त छह हजार रुपये देने का है प्रावधान
- लाभार्थियों विशेष अभियान 8 दिसम्बर तक चलेगा
आगरा। गर्भावस्था के दौरान मां और प्रसव के बाद मातृ-शिशु के पोषण के लिए संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) 2.0 में अधिक लाभ दिया जाएगा। इसके तहत अब दो किस्तों में पांच हजार रुपये लाभार्थियों को दिए जाएंगे। 30 नवंबर से दो दिवसीय लाभार्थी विशेष पंजीकरण अभियान को शुरू किया गया था अब यह अभियान लगातार आठ दिसंबर तक चलाया जाएगा । अभियान के पहले दिन से अब तक 15 ब्लॉक और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केदो में 824 पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया । सीएमओ ने संबंधित लाभार्थियों को विशेष अभियान में पंजीकरण कराने की अपील की है।
सीएमओ डॉ.अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि योजना में पहले दो किस्तों में लाभ दिया जाता था। योजना का स्वरूप बदलने से दूसरी शिशु बालिका होने पर एकमुश्त छह हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है। पात्र लाभार्थी आशा और एएनएम की मदद से पंजीकरण करवा सकते हैं ।
पीएमएमवीवाई के नोडल अधिकारी डॉ. पी के शर्मा ने बताया कि नवंबर 2023 से पीएमएमवीवाई 2.0 पोर्टल शुरू हुआ है। इस पर अब तक कुल 1067 लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा सका है। योजना में पहली बार गर्भवती होने पर (बेटा या बेटी को जन्म देने पर) तीन किस्तों में मिलने वाली पांच हजार की धनराशि अब दो किस्तों में मिल सकेगी। प्रथम किस्त के तौर पर तीन हजार रुपए और दूसरी किस्त के तौर पर दो हजार रुपए लाभार्थी के पंजीकृत बैंक खाते में भेजे जाएंगे। गर्भधारण से शिशु के जन्म से 570 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जाएगा। पहली किस्त पंजीकरण के बाद और दूसरी किस्त बच्चे का टीकाकरण होने के बाद खाते में भेजी जाती है। योजना की नई व्यवस्था के अन्तर्गत दूसरी शिशु बालिका होने पर एकमुश्त छह हजार रूपये दिये जाएंगे। इसके लिए शिशु के जन्म से 270 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जाएगा।
पीएमएमवीवाई की जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सन्नु सूर्यवंशी ने बताया कि योजना के तहत सरकारी ही नहीं प्राइवेट अस्पताल में जन्मे बच्चे की मां पात्र हैं। अगर किसी मां को दूसरा शिशु बालक होगा तो योजना से संबंधित लाभ प्राप्त नहीं होगा।
बल्कि योजना का लाभ लेने के लिए मां का आधार कार्ड, एमसीपी कार्ड, प्रसवपूर्व जांच की तारीख के अलावा आठ लाख से कम आय की स्थिति में आय प्रमाण पत्र, बीपीएल राशन कार्ड, ई-श्रम कार्ड, आयुष्मान कार्ड और मनरेगा कार्ड में से कोई एक दस्तावेज होना आवश्यक है। महिला किसान की स्थिति में लाभार्थी को किसान सम्मान निधि का भी लाभार्थी होना जरूरी है। यदि लाभार्थी दिव्यांग है तो 40 फीसदी से अधिक की दिव्यांगता का प्रमाण पत्र देना भी जरूरी होगा।
ब्लॉक बाह के ग्राम बिजौली की आशा कार्यकर्ता सुनीता ने बताया कि अभियान के दौरान मेरे द्वारा 20 गर्भवती के पंजीकरण कराए गए हैं । जिन महिलाओं का पंजीकरण किया गया है, उनके पति कृषि या मजदूरी का काम करते हैं । यह धनराशि प्रसव के दौरान पर्याप्त पोषण लेने में सहयोग करेगी ।