हैदराबाद। तेलंगाना की नवनिर्वाचित सरकार ने नए सदस्यों को विधायक के रूप में शपथ दिलाने के लिए तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की ओर से एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को अंतरिम अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) नियुक्त किया गया. ओवैसी की नियुक्ति को लेकर तेलंगाना बीजेपी की ओर से आपत्ति जताई गई है और इस संबंध में एक पत्र राज्यपाल तमिलिसाई को लिखा है.
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अकबरुद्दीन ओवैसी को इस पद के लिए नामित किया क्योंकि उसकी एआईएमआईएम के साथ तालमेल है. उन्होंने यह भी आग्रह किया कि नवगठित विधानसभा के लिए नए पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को तब तक रोकने का निर्देश दिया जाए जब तक कि अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठतम सदस्य (प्रोटेम स्पीकर) का नामांकन न हो जाए. उन्होंने मांग की कि ओवैसी के प्रोटेम स्पीकर रहते विधानसभा स्पीकर को नहीं चुना जाए.
बीजेपी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कांग्रेस सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि नवनिर्वाचित विधानसभा की शुरुआत में ही प्रक्रियाओं, प्रोटोकॉल और उदाहरणों का घोर उल्लंघन हो रहा है.
बीजेपी ने संविधान के अनुच्छेद 188 का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा में सालों की संख्या के आधार पर ही एक सीनियर मैंबर को प्रोटेम स्पीकर नामित किया जाता है. विधानसभा में कई ऐसे सदस्य हैं जोकि अकबरुद्दीन ओवैसी से सीनियर है लेकिन सरकार ने निर्धारित मानदंडों का अनुपालन करने की बजाय ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया.
बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर मानदंडों का उल्लंघन कर तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रही है. प्रदेश बीजेपी ने राज्यपाल से आग्रह किया कि प्रोटेम स्पीकर के रूप में अकबरुद्दीन औवेसी के नामित करने के फैसले को रद्द किया जाए क्योंकि यह नियमों का घोर उल्लंघन है.
साथ ही सदन के वरिष्ठतम सदस्य की नियुक्ति के निर्देश दिए जाएं चाहे वो किसी भी पार्टी से संबंध रखते हों. बीजेपी ने ऐसा नहीं करने पर स्पष्ट किया कि उनकी मांग पर अमल नहीं होता है तो वो ऐसे व्यक्ति के सामने शपथ नहीं लेंगे जिसको नियमों को ताक पर नियुक्त किया गया है.
गौतलब हो कि असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी एक बार फिर से एआईएमआईएम के टिकट पर चंद्रयानगुट्टा से विधायक चुने गए हैं.