जिले में पल्स पोलियो अभियान शुरू, पहले दिन 2542 बूथ पर पिलायी गयी खुराक
सोमवार से घर घर जाएगी स्वास्थ्य विभाग की 1718 टीमें
आगरा। पड़ोसी देशों में पोलियो का वायरस होने से बच्चों को पोलियो का खतरा अभी भी हैं, इजरायल में वर्ष 1989 के बाद वर्ष 2022 में पोलियो के केस पाए गए । मोजाम्बिक में इसी साल पोलियो के मामले रिपोर्ट हुए हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पोलियो के केस निकले हैं । ऐसी स्थिति में देश के अन्य बारह राज्यों के साथ साथ प्रदेश के 50 जिलों में भी रविवार से पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की गयी । आगरा जिले में इस अभियान का शुभारंभ रविवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जीवनी मंडी और लोहा मंडी सेकंड में बने बूथ पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण श्रीवास्तव और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बच्चों को दवा पिलाकर किया। पहले दिन बूथ दिवस मनाया गया जिसमें 2542 बूथ के जरिये शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो से बचाव की दवा पिलाई गयी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में सोमवार से 1718 टीमें 15 दिसम्बर तक घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। जो बच्चे छूट जाएंगे उन्हें 17 दिसम्बर को बी टीम दवा पिलाएगी । इस बार 6.86 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो का ड्रॉप बच्चों को जन्म के समय भी पिलाया जाता है। इसके बाद छह, दस और चौदह सप्ताह पर बच्चों को यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर डोज सोलह से चौबीस महीने की उम्र में दी जाती है । यह सभी डोज नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों और टीकाकरण सत्रों पर दिये जाते हैं । इनके अलावा भी अभियान के दौरान बच्चों द्वारा दवा का सेवन अनिवार्य है।
डॉ संजीव वर्मन ने बताया कि पल्स पोलियो का वायरस जब तक किसी भी देश में बचा हुआ है, सभी देशों को बचाव के उपाय करने होंगी । इसी उद्देश्य से देश के 12 संवेदनशील राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में इस बार 10 दिसम्बर को पोलियो के लिए उप राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जा रहा है । प्रदेश के 50 संवेदशील जिलों में भी इस दिवस से अभियान की शुरूआत हुई ।
इस मौके डिप्टी सीएमओ डॉक्टर पीयूष जैन, जीवनी मंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा, लोहा मंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेकंड की प्रभारी डॉ. सुमन श्रीवास्तव, यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर अरविंद शर्मा, यूनिसेफ के डीएमसी राहुल कुलश्रेष्ठ, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी, आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
संक्रामक वायरल रोग है पोलियो
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ संजीव वर्मन ने बताया कि पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो पांच साल से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है। यह मल, मौखिक मार्ग, दूषित पानी, आहार आदि के माध्यम से फैलता है। यह आंत में पनपता है और वहां से तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर पक्षाघात उत्पन्न करता है । पोलियो के प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द शामिल है। इसके कारण होने वाले दो सौ संक्रमणों में से एक संक्रमण से दिव्यांगता का खतरा रहता है। वैश्विक स्तर पर इसके कारण होने वाले पक्षाघात से पांच से दस फीसदी मामलों में मौत भी हो जाती है ।
दवा सुरक्षित है
जीवनी मंडी बूथ पर अपने 2 वर्षीय बच्चे मयंक को पोलियो खुराक का सेवन करवाने वाली आशा देवी ने बताया कि वह पहले भी अपने मयंक को पल्स पोलियो की खुराक का सेवन करवा चुकी हैं। यह सुरक्षित और असरदार है, तभी तो भारत से पोलियो वायरस समाप्त हो चुका है। सभी लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की खुराक पिलानी चाहिए। उन्होंने बताया कि पोलियो एक संक्रामक रोग है जो आमतौर पर बच्चों के पैरों प्रभावित करता है।