राजस्थान

काजल सूरी द्वारा लिखित नाटक सोहनी महिवाल का मंचन

संवाद -मो नज़ीर क़ादरी

नई दिल्ली । रुबरू थिएटर ग्रुप द्वारा नाटक सोहनी महिवाल का मंचन, एलटीजी ऑडिटोरियम के ब्लैंक कैनवास सभागार में किया गया। पंजाब की लोककथाएँ प्रेम और अनुराग के संबंधों में धड़कती कहानियाँ हैं। अविभाजित पंजाब में लोककथाओं की भरपूर विरासत है। सोहनी-महिवाल जैसी सैकड़ों प्रेमकथाएँ हैं, जिनमें लोक-रंग गहरा उभरा है और इन्हें पीढ़ी-दर-पीढ़ी हम सुनते आए हैं।

नाटक सोहनी महिवाल अविभाजित पंजाब की कहानी है। सोहनी एक पंजाबी अक्षर है, जिसका मतलब खूबसूरत होता है। एक कुम्हार के घर में पैदा होने वाली सोहनी इतनी सुंदर थी कि उसका नाम ही सोहनी रख दिया गया।
जब वो बड़ी हुई तो एक व्यापारी जो की मटके ख़रीदने आया था, सोहनी की एक झलक पाते ही सोहनी से इश्क़ कर बैठा। लेकिन जब गाँव वालों को इसकी भनक लगी तो सोहनी के बाप को कह कह कर उसकी शादी किसी और से करवा दी गयी। वो व्यापारी जिसकी सारी पूँजी मटके ख़रीदने में ख़त्म ही गई और वो सोहनी के गाँव में ही भैंसे चराने लगा था । वो व्यापारी महीवाल के नाम से जाना जाने लगा, वह रोज़ चिनाब नदी पार करके सोहनी से मिलने आता था। सोहनी भी घड़े का सहारा ले कर चिनाब ज़ैसे दरिया को पार करती थीं। लेकिन क़िस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। एक रोज़ उसकी ननद पक्के मटके को कच्चे मटके से बदल देती है। अपने प्रेमी से मिलने के लिए रात में चिनाब में तैरने के दौरान कच्चा घड़ा पानी में घुल जाने से सोहनी अंततः चिनाब में डूब गई। आख़िर में जान बचाने की कोशिश में महिवाल भी डूब गई।

इस नाटक में कलाकारों में जसकीरन चोपड़ा, अन्नु शर्मा, शुभम, सचिन, रोज़ सैनी, आफताब, कृष, संदीप, स्पर्श, नेहा, तनीषा, दीपक, शिवम, गीता सेठी, अवनीत, बिंदिया, आशा, साहिल, गुंजन, शिवानी, मुस्कान ने अपने अभिनय और भाव नृत्य से दर्शकों का मन मोह लिया। मेकअप रशीद दा ने एवं संगीत संचालन नीरज तिवारी ने किया। संचालन सुनील चौहान ने किया। बैक स्टेज को गौतम जायसवाल, रोहित कुमार, सत्यम, इला दीपक मोरियाल, शील कालिया, गुंजन ने संभाला । मंच प्रकाश संचालन जानी मानी मीडिया कर्मी सुखनंदन बिंद्रा और अदिता चौधरी ने किया।

पंजाब की इस मशहूर और भावपूर्ण कहानी को देखने के लिए सभागार में दर्शकों की भीड़ उमड़ी थी । दर्शक दीर्घा में कई गणमान्य दर्शकों की उपस्थिति भी रही जिनमे मोनिका पंत, मीना शर्मा, हिंदी भवन गाजियाबाद के महामंत्री सुभाष गर्ग प्रमुख रहे ।