उत्तर प्रदेश

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे निर्माण गुणवत्ता में फिसड्डी साबित मेंटीनेंस कार्य शुरू


संवाद/विनोद मिश्रा


बांदा। बुंदेलखंड “एक्स प्रेस वे निर्माण की गुणवत्ता में फिसड्डी है। यह अन्य एक्स प्रेस वे की तुलना में चौथे पायदान” पर है। यह जानकारी अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त और यूपीडा के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने हमसे दूरभाष पर वार्ता में दी! कहा कि अमेरिका और उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेस वे में काफी हद तक समानता है लेकिन शहरी सड़कों की गुणवत्ता में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने बताया की “बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के मेंटीनेंस में ठेकेदारों द्वारा बरती गई लापरवाही को गंभीरता से लिया गया है। एक अक्टूबर से इसे दुरुस्त करने के लिए अभियान शुरु” है। प्रत्येक ठेकेदार को 50-50 किलोमीटर के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी दी गई है। दिसंबर तक बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पूरी तरह फिट हो जाएगा।


“उन्होंने बताया कि सबसे अच्छा एक्सप्रेस वे लखनऊ-आगरा, दूसरे नंबर पर आगरा-दिल्ली, तीसरे नंबर पर पूर्वांचल और चौथे नंबर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे” है। एक अक्टूबर से दिसंबर तक बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की ‘राइडिंग क्वालिटी’ को लखनऊ-आगरा के बराबर कर दिया जाएगा। पूरे एक्सप्रेव की सरफेसिंग की जा रही है।

यूपीडा के सीईओ ने बेवाकी से साफ बताया कि “एक्सप्रेस वे मेंटीनेंस के लिए करीब 4-5 करोड़ रुपये हर महीने खर्च किया जा रहा है,लेकिन मेंटीनेंस स्तरीय नहीं” है। बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ सोलर पावर पार्क बनाने की तैयारी है। इसके लिए 300 किलोमीटर लंबी जमीन 35 साल की लीज पर दी जाएगी। डेवलपर निवेश करेंगे।