संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। मंडल कारागार आतंकी बीमारी की चपेट में है। इसका जांच में खुलासा होते ही बंदियों में हड़कंप सी स्थिति है? मारपीट व चोरी के मामले में हाल में ही मंडल कारागार भेजे गए दो बंदी चार दिवसीय स्वास्थ्य शिविर की जांच में एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं। इसमें एक गैर जनपद में रहकर काम करता रहा है, जबकि दूसरा पहले ट्रक चालक रह चुका है। एक अन्य बंदी टीबी का मिला है। इसमें खास यह भी है कि तीनों बंदियों की बीमारी के बारे में उन्हें व उनके परिजनों को कोई जानकारी नहीं थी। चिकित्सकों की देखरेख में उनका उपचार चल रहा है।
आपको बता दूं की मंडल कारागार में आठ से 12 दिसंबर तक चार दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर लगा था। जिसमें 848 पुरुष व 42 महिला बंदियों की एचआईवी, टीबी व हेपेटाइटिस आदि की जांच की गई थी। इसमें कुछ दिनों पहले जेल आए दो बंदियों की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव मिले। इससे अब जेल में बंद एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या चार हो गई है। वहां दो मरीज पहले से इस बीमारी के थे।
इसी तरह टीबी के दो मरीज भी पहले से थे। इससे इन मरीजों की संख्या अब तीन हो गई है।जिला क्षय रोग अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि केस स्टडी पता करने पर एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के पूर्व में करने वाले कामकाज का पता चला है। जिससे उनका बीमारी की चपेट में आना लग रहा है। जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि बीमार बंदियों को चिकित्सक के परामर्श के हिसाब से समय-समय पर दवा दी जा रही है।