उत्तर प्रदेश

जिला विद्यालय निरीक्षक मानें आदेश नहीं तो न्यायालय में हाज़िर हो


संवाद/विनोद मिश्रा


बांदा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक बांदा को एक माह में आदेश का पालन करने या आठ फरवरी को इस स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने कमल नारायण चतुर्वेदी की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता केके मिश्र व वरूण मिश्र ने बहस की।


याची इंटर काॅलेज का अध्यापक था। कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को उसके बकाया वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया। पालन न करने पर अवमानना याचिका पर हलफनामा दाखिल कर निरीक्षक ने बताया कि 50 फीसदी बकाया वेतन राशि ही याची को देय है। यह नहीं बताया कि कोर्ट आदेश को अपील में चुनौती दी गई है।


कोर्ट का आदेश फाइनल हो गया जिसका पालन किया जाना चाहिए। इसके बाद सरकारी वकील ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक बांदा व उप निदेशक शिक्षा व संयुक्त निदेशक शिक्षा झांसी को पत्र भेजा गया है किन्तु कोर्ट जवाब नहीं आया। जिस पर कोर्ट ने आदेश पालन के लिए एक माह का समय देते हुए कहा आदेश का पालन करने या आठ फरवरी को सफाई सहित हाजिर हो।