अपराध

बांदा निवासी पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह को साइबर ठगों नें की ठगने की कोशिश


संवाद। विनोद मिश्रा

फेक कॉल कर बोला- ओटीपी बताइए
बांदा।देश में बेखौफ साइबर ठग अब आईएएस और आईपीएस अफसरों को ही निशाना बनाने लगे हैं।अब तो रिटायर हो चुके इन प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों को ठगने के नए-नए तरकीब निकाल रहे हैं।यूपी के डीजीपी रहे सुलखान सिंह को शुक्रवार को साइबर ठगी की एक नाकाम कोशिश की गई है।सुलखान सिंह की सतर्कता और सावधानी ने उन्हें लुटने से बचा लिया है। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के पास एक प्राइवेट नंबर से कॉल आई. कॉलर ने उनसे कहा कि वो लखनऊ के जवाहर भवन स्थित ट्रेजरी ऑफिस से बोल रहा है. उनका जीवन प्रमाण पत्र अभी तक नहीं जमा हुआ है, जिसकी वजह से उनकी पेंशन बंद हो सकती है। उसकी बात सुनकर सुलखान सिंह चिंतित हो गए. इसके बाद उसने कहा कि आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी गई है, उसे बता दीजिए, ताकि पेंशन बंद होने से पहले उसे रोकने की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके. इतना सुनते ही पूर्व डीजीपी के कान खड़े हो गए। उनको समझ में आ गया कि ये कोई साइबर क्रिमिनल है, जो उनसे ठगी की कोशिश कर रहा है. उन्होंने तुरंत उसकी कॉल काटकर नंबर ब्लॉक कर दिया, लेकिन एक बात उन्हें खाए जा रही थी कि उनका नंबर कैसे लीक हुआ है। उन्होंने तुरंत ट्रेजरी ऑफिस में कॉल करके इस बात की मौखिक शिकायत कर दी। इसके बाद पूर्व आईपीएस अफसरों के बीच ये बात चर्चा में है कि आखिर पेंशनधारी के पेंशनर खाते से संबंधित जानकारी साइबर ठगों के पास कैसे पहुंच गई।ये जानकारी ट्रेजरी विभाग के एकाउंट डिपार्टमेंट को होती है। इसके बावजूद डाटा सार्वजनिक हो गया और साइबर ठगों तक पहुंच गया।